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4 को मौत, गुरदीप की सजा टली

२९ जुलाई २०१६

इंडोनेशिया ने गुरुवार रात ड्रग्स केस के चार दोषियों को गोली मारकर मौत की सजा दी. भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह समेत 10 लोगों की सजा कुछ समय के लिए टली.

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तस्वीर: picture alliance/ZUMA Press/D. Husni

गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात, नुसाकामबांगान द्वीप पर भयानक तूफान आया. लेकिन चार कैदियों को उस तूफान से ज्यादा खौफ उसके बाद होने वाली फायरिंग का था. बारिश और बिजली की कड़कड़ाहट शांत के होने के बाद गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई पड़ी. कुछ घंटों बाद तीन नाइजीरियाई और एक इंडोनेशियाई नागरिक का शव एंबुलेंस में डाल दिया गया. इस तरह इंडोनेशिया ने ड्रग्स केस के चार दोषियों को मौत की सजा दी.

48 वर्षीय भारतीय नागरिक गुरदीप सिंह और एक पाकिस्तानी नागरिक समेत 10 अन्य बाल बाल बच गए. असल में पाकिस्तानी नागरिक और इंडोनेशियाई महिला ने आखिरी समय में राष्ट्रपति से दया की अपील की. जिसकी वजह से सभी 10 लोगों की सजा टाल दी गई.

2004 में दोषी करार दिये गए गुरदीप सिंह सारी उम्मीदें छोड़ ही चुके थे. जालंधर में उनकी बेटी मंजीत कौर ने कहा, "हमें पापा का फोन आया, उन्होंने मुझसे कहा कि वह सारी उम्मीदें खो चुके हैं और अब उनका शव ही वापस आएगा."

अटॉर्नी जनरल एच मुहम्मद प्रासेत्यो के मुताबिक सभी 10 केसों की दोबारा समीक्षा की जाएगी. यह तय किया जाएगा कि कहीं कोई गलती तो नहीं बची है. इसके बाद ही सजा पर फैसला किया जाएगा. राजधानी जकार्ता में पत्रकारों से बात करते हुए प्रासेत्यो ने कहा, "ड्रग्स से जुड़े अपराधों के प्रति हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई है, यह जारी रहेगी. हम अपनी वचनबद्धता, दृढ़ता और अपनी निरंतरता बनाए रखेंगे." समीक्षा के बाद ही तारीख तय की जाएगी.

(देखिये: सबसे ज्यादा लोगों को मौत की सजा देने वाले देश)

इंडोनेशिया ने बीते साल भी 14 कैदियों को मौत की सजा दी थी. उनमें कुछ विदेशी नागरिक भी थे. मौत की सजा के चलते दूसरे देशों के साथ उसके कूटनीतिक रिश्ते कुछ खराब भी हुए. लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रपति जोको विडोडो का कहना है कि वह ड्रग्स रैकेट का सफाया करके ही दम लेंगे.

2012 के चुनावों में विडोडो ने ड्रग्स को बड़ा मुद्दा बनाया था. उन्होंने इसे आतंकवाद जितना खतरनाक करार दिया. इंडोनेशिया बीते एक दशक से बुरी तरह ड्रग्स की चपेट में है. देश दक्षिण पूर्व एशिया में ड्रग्स का मुख्य अड्डा बन चुका था.

इंडोनेशिया में 152 कैदियों को मौत की सजा दी जानी है. इनमें फिलिपींस, फ्रांस और ब्रिटेन के नागरिक भी हैं. प्रशासन इस साल 16 लोगों की सजा ए मौत तामील करना चाहता है. 32 को 2017 में सजा दी जाएगी.

ओएसजे/आरपी (रॉयटर्स)