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पैनोरमासंयुक्त राज्य अमेरिका

टिक टॉक स्टार के लिए खुल गया कमाई का मौका

२५ मई २०२२

टिक टॉक ने कहा कि ऐसे लोकप्रिय अकाउंट अब लाइव स्ट्रीम वीडियो के लिए मंथली सब्सक्रिप्शन के जरिए पैसे वसूल सकते हैं. हालांकि टिक टॉक स्टार्स और सब्सक्राइबर के लिए कंपनी की कुछ शर्तें भी हैं.

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तस्वीर: picture alliance/dpa/dpa-Zentralbild

टिक टॉक ने घोषणा की है कि कुछ अकाउंट्स को लाइव स्ट्रीम के लिए फीस लेने की इजाजत दी जा रही है. शॉर्ट वीडियो ऐप टिक टॉक ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "लाइव सब्सक्रिप्शन सुविधा वीडियो सामग्री बनाने वाले क्रिएटर्स के लिए कमाई की एक विविध स्रोत बनाने की रणनीति का हिस्सा है." सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम और मेटा की फेसबुक पहले ही कंटेंट क्रिएटर्स के लिए रेवेन्यू कमाने के लिए फीचर पेश कर चुकी हैं.

टिक टॉक पर शॉर्ट वीडियो शेयर किए जाते हैं और पिछले कुछ सालों में यह प्लेटफॉर्म बेहद लोकप्रिय हुआ है. टिक टॉक के फिलहाल एक अरब से ज्यादा यूजर्स हैं. दूसरी ओर अपने यूजर्स को कमाई के मौके नहीं देने के लिए टिक टॉक की आलोचना की जाती रही है.

टिक टॉक ने कहा कि इस सप्ताह पेश किया जा रहा सब्सक्रिप्शन फीचर अभी के लिए सिर्फ इन्विटेशन पाने वाले क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध होगा, लेकिन आने वाले महीनों में इसका वैश्विक स्तर पर विस्तार किया जाएगा. हालांकि क्रिएटर्स कितनी कमाई कर सकेंगे इसका खुलासा कंपनी ने नहीं किया.

कंपनी ने कहा, "क्रिएटर्स और दर्शकों के बीच और भी अधिक व्यक्तिगत संबंध को बढ़ाने के लिए एक्सक्लूसिव सब्सक्राइबरों को चैट मोड में जाने की सुविधा होगी."

लाइव सब्सक्रिप्शन फीचर का लाभ उठाने के लिए क्रिएटर्स या सामग्री निर्माता की उम्र 18 साल होनी चाहिए और सब्सक्राइबर की उम्र भी कम से कम उतनी ही होनी चाहिए. क्रिएटर्स को डिजिटल बैज भी दिए जाएंगे. 

इसके अलावा अगले महीने अमेरिका में टिक टॉक प्लस कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. यह कंपनियों को खास श्रेणियों वाली सामग्री के साथ अपने विज्ञापन चलाने की अनुमति देगा. इससे होने वाली कमाई का एक हिस्सा कंटेंट क्रिएटर्स को भी दिया जाएगा.

क्या इंटरनेट से कुछ मिटा सकते हैं

यूट्यूब, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे अन्य वीडियो शेयरिंग साइट पहले ही विज्ञापन से होने वाली कमाई को कंटेंट क्रिएटर्स के साझा करने वाला कार्यक्रम चला रहे हैं.

2020 में लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तनाव होने के बाद से भारत ने कई चीनी ऐप को बैन को कर दिया. इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया. बैन की गईं चीनी ऐप्स में टिक टॉक भी शामिल है.

एए /वीके (एएफपी)

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