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समाज

पाकिस्तान: टिक टॉक ने 60 लाख से अधिक वीडियो हटाए

१ जुलाई २०२१

तीन महीनों के भीतर पाकिस्तान में टिक टॉक ने 60 लाख से अधिक वीडियो हटाए हैं. रूढ़िवादी देश में टिक टॉक को बार बार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है.

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तस्वीर: Mike Blake/REUTERS

पाकिस्तानी युवाओं के बीच बेतहाशा लोकप्रिय चीनी स्वामित्व वाले ऐप टिक टॉक को "अश्लील" सामग्री परोसने पर अधिकारियों द्वारा दो बार बंद किया जा चुका है. सबसे ताजा मामले में मार्च में टिक टॉक को बैन किया गया था. जिसके बाद कंपनी ने मर्यादित वीडियो अपलोड करने को लेकर वादा किया था.

1 जुलाई को जारी टिक टॉक पाकिस्तान की नवीनतम पारदर्शिता रिपोर्ट कहती है, "पाकिस्तानी बाजार में टिक टॉक ने 64,95,992 वीडियो को हटा दिया है, जिससे यह अमेरिका के बाद सबसे अधिक वीडियो हटाने वाला दूसरा बाजार बन गया." अमेरिका में 85,40,088 वीडियो हटाए गए थे.

हटाए गए वीडियो में से लगभग 15 प्रतिशत "वयस्क नग्नता और यौन गतिविधियां" वाले थे. एक प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान में बनाए वीडियो को उपयोगकर्ता और सरकार दोनों के अनुरोधों के बाद प्रतिबंधित किया गया था. मुस्लिम देश में पश्चिमी कपड़ों में बहुत अधिक त्वचा दिखाने वाले वीडियो पोस्ट करना टैबू माना जाता है और अक्सर दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है.

टिक टॉक पर अश्लीलता परोसना का आरोप

इस महीने की शुरुआत में प्रदर्शनकारियों ने समलैंगिक सामग्री के प्रसार के खिलाफ टिक टॉक के खिलाफ रैलियों का आयोजन किया था. डिजीटल राइट्स एक्टिविस्ट निघत दाद कहती हैं, "कोई यह अनुमान लगा सकता है कि यह सरकारी दबाव या पाकिस्तान में बड़ी मात्रा में बनाई जा रही सामग्री का प्रतिबिंब है. या दोनों, मंच की लोकप्रियता को देखते हुए."

उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पाकिस्तान में पूर्ण प्रतिबंध से बचने के लिए सामग्री को हटाने और ब्लॉक करने के लिए अधिक इच्छुक हैं."

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल

ताजा मामले में कराची में कंपनी एक अदालती केस का सामना कर रही है. अदालत के जज ने दूरसंचार अधिकारियों से "अनैतिक सामग्री" फैलाने के लिए इसे बैन करने के लिए कहा है. हालांकि प्लेटफॉर्म अभी भी पाकिस्तान में इस पर काम कर रहा है.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पैरोकारों ने लंबे समय से सरकारी सेंसरशिप और पाकिस्तान के इंटरनेट और मीडिया पर नियंत्रण की आलोचना की है.

डेटिंग ऐप्स को ब्लॉक किया जा चुका है और पिछले साल पाकिस्तानी नियामकों ने यूट्यूब से उन सभी वीडियो को तुरंत ब्लॉक करने के लिए कहा था, जिन्हें वे देश में "आपत्तिजनक" मानते थे. अधिकार कार्यकर्ता ऐसी कार्रवाई की आलोचना करता आए हैं.

ए/सीके (एएफपी)

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