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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया कश्मीर का मुद्दा

आमिर अंसारी
२० सितम्बर २०२३

तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति बहाली जरूरी है.

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तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवान
तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोवानतस्वीर: TIMOTHY A. CLARY/AFP/Getty Images

एर्दोवान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र में विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान द्वारा बातचीत के जरिए इसे सुलझाने से क्षेत्र में स्थिरता आएगी. उन्होंने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत और सहयोग के माध्यम से कश्मीर में न्यायसंगत और स्थायी शांति की स्थापना से ही दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा."

एर्दोवान ने कहा, "तुर्की इस दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का समर्थन करना जारी रखेगा." हाल के सालों में तुर्की ने उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में विश्व नेताओं को अपने संबोधन में कश्मीर के मुद्दे का बार बार उल्लेख किया है.

बहुत खास है कश्मीर का यह ईको विलेज

पिछले साल भी उठाया था मुद्दा

पिछले साल भी एर्दोवान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया था. उस समय उन्होंने कहा था, "भारत और पाकिस्तान ने 75 साल पहले अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता स्थापित करने के बाद अभी भी एक दूसरे के साथ शांति और एकजुटता स्थापित नहीं की है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है."

उन्होंने कहा था, "हम आशा और प्रार्थना करते हैं कि स्थायी शांति हो और कश्मीर में भी न्याय पर आधारित समृद्धि." इससे पहले एर्दोवान ने साल 2020 में कश्मीर की स्थिति को "ज्वलंत मुद्दा" बताते हुए कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने की आलोचना की थी.

पिछले साल उन्होंने जोर देकर कहा था कि "(संयुक्त राष्ट्र) संकल्पों द्वारा अपनाए जाने के बावजूद, कश्मीर पर अभी भी कब्‍जा है और 80 लाख लोग वहां फंसे हुए हैं."

पिछले साल सिर्फ एर्दोवान और तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दे का जिक्र किया था.

पहले भी दे चुके हैं कश्मीर पर बयान

2020 में पाकिस्तानी संसद में एक ऐतिहासिक संबोधन में, तुर्क राष्ट्रपति एर्दोवान ने "कश्मीरी लोगों के संघर्ष की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विदेशी वर्चस्व के खिलाफ तुर्की के लोगों की लड़ाई से की."

कश्मीर मुद्दे पर एर्दोवान की ताजा टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब वे दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत पर दौरे थे और सम्मेलन के इतर उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.

इस वार्ता में दोनों नेताओं ने व्यापार और बुनियादी ढांचे संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की थी. इसके बाद प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा था कि दक्षिण एशिया में भारत, तुर्की का सबसे बड़ा साझेदार है. उन्होंने यूएनएससी में भारत के लिए स्थायी सीट का समर्थन किया था. उन्होंने कहा अगर भारत जैसा देश यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनता है तो उनके देश को "गर्व" होगा.