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समाज

महामारी के दौर में प्रेस की आजादी पर खतरा

३० अप्रैल २०२१

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि कोरोना महामारी प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा है. उन्होंने स्वतंत्र पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित किया.

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तस्वीर: Gemunu Amarasinghe/AP/picture alliance

यूएन महासचिव के मुताबिक कोविड-19 महामारी के दौरान गलत सूचनाओं की बाढ़ आ गई है. उनके मुताबिक इस महामारी के दौरान कई सार्वजनिक हित वाले मीडिया संगठनों की वित्तीय गिरावट में भी तेजी दर्ज की जा रही है. गुटेरेश के मुताबिक पिछले साल अकेले अखबारों ने 30 अरब डॉलर का नुकसान झेला, उन्होंने सचेत किया कि कुछ लोगों को डर है कि वैश्विक महामारी, मीडिया के विलुप्त होने की घटना बन सकती है. गुटेरेश ने कहा, "स्वतंत्र, तथ्य-आधारित रिपोर्टिंग, वैश्विक कल्याण के लिए बेहद अहम है, जिसकी मदद से सुरक्षित, स्वस्थ और हरित भविष्य सुनिश्चित किया जा सकता है."

हर साल 3 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे या विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. हर साल इसकी थीम अलग होती है. कोरोना काल में दुनिया भर में प्रेस की भूमिका अहम हुई है. कोरोना से जुड़ी गलत जानकारी को फैलने से रोकने के लिए प्रेस अहम भूमिका निभा रहा है. यही नहीं संयुक्त राष्ट्र भी भ्रामक सूचनाओं और गलत जानकारी, नफरत भरे संदेशों और बयानों से मुकाबला करने के लिए कोशिश कर रहा है.

इस बीच वैश्विक महामारी से मीडिया पर हुए असर के आकलन के लिए एक सर्वेक्षण कराया गया जिसमें 125 देशों के 14 हजार पत्रकारों और समाचार प्रबंधकों ने हिस्सा लिया. इस सर्वे को पत्रकारों के लिए अंतरराष्ट्रीय केन्द्र (आईसीएफजे) और कोलंबिया विश्वविद्यालय ने साझा रूप से करवाया.

आईसीएफजे की प्रमुख जॉयस बारनेथन के मुताबिक मीडिया, विज्ञापन से हासिल होने वाले राजस्व पर निर्भर है. सर्वे में 40 प्रतिशत संस्थानों ने 50 से 75 फीसदी की गिरावट दर्ज होने की बात कही है. नतीजतन मीडियाकर्मियों के वेतन में कटौती की गई और कई पत्रकारों की नौकरी चली गई. और यह एक ऐसे समय हो रहा है जब लोगों को बेहद जरूरी सूचनाओं की जरूरत है.

इस सर्वे में शामिल करीब 70 फीसदी पत्रकारों ने बताया कि मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक असर, उनके काम का सबसे मुश्किल हिस्सा है. करीब एक-तिहाई का कहना है कि उनके संस्थानों ने जरूरी बचाव सामग्री और उपकरण मुहैया नहीं कराए हैं. 

एए/सीके (एपी)

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