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अमेरिका और रूस में तनाव चरम पर, राजनयिकों पर कार्रवाई

३० दिसम्बर २०१६

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हैकिंग और फेक न्यूज के जरिए दखलअंदाजी के आरोपी रूस के खिलाफ अमेरिका ने बेहद कड़ी कार्रवाई की शुरुआत कर दी है.

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Russland Jahrespressekonferenz Wladimir Putin
तस्वीर: Getty Images/AFP/N. Kolesnikova

अमेरिका ने रूस के 35 राजनयिकों को देश से चले जाने को कहा गया है. हालांकि रूस इन आरोपों को खारिज करता है लेकिन उसने बदले की कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के एक महीने बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस की जासूसी एजेंसियों जीआरयू और एफएसबी पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. ओबामा ने कहा, "रूस की गतिविधियों से सभी अमेरीकियों को सावधान हो जाना चाहिए. ऐसी गतिविधियों के गंभीर परिणाम हो सकते हैं."

तस्वीरों में: पुतिन के अलग-अलग चेहरे

अमेरिका का आरोप है कि रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप को जिताने के लिए रूस की जासूसी एजेंसियों ने अमेरिका में हैकिंग की और ईमेल चुराने जैसे काम किए. ओबामा सरकार ने कहा है कि रूस की गतिविधियों का पर्दाफाश किया जाएगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. ओबामा ने कहा कि अभी हमारी कार्रवाई खत्म नहीं हुई है और आगे भी कदम उठाए जाएंगे.

20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभाल रहे डॉनल्ड ट्रंप ने हालांकि कहा है कि अब दोनों देशों को आगे बढ़ जाना चाहिए. ओबामा सरकार के लगाए प्रतिबंध भी वह आसानी से वापस ले सकते हैं. उनका कहना है कि ओबामा और डेमोक्रैट्स चुनावों को अवैध साबित करने के तरीके खोज रहे हैं. अमेरिका को जवाब देने के लिए रूस ने उसके 35 राजनयिकों को निकालने की योजना बनाई. रूस के विदेश मंत्री सर्गई लावरोव ने ये कदम उठाने के लिए राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन को अपने प्रस्ताव भेजे लेकिन पुतिन ने इन प्रस्तावों को नहीं माना. उन्होंने अमेरिकी राजनयिकों को निकालने से इनकार कर दिया.

देखिए, रूस और अमेरिका में युद्ध हो जाए तो क्या होगा

अमेरिका की रूस के खिलाफ हैकिंग के आरोपों के बाद से यह सबसे कड़ी कार्रवाई है. ओबामा सरकार के दौरान रूस और अमेरिका के संबंधों में काफी गिरावट आई है. पुतिन और ओबामा के बीच यूक्रेन, एडवर्ड स्नोडन और सीरिया को लेकर खूब खींचतान हुई है.

वीके/एके (एपी, रॉयटर्स)