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गाय पर फिर हाय-हाय, कौन हैं ये गौरक्षा दल वाले!

विवेक कुमार१९ जुलाई २०१६

भारत में गाय पर फिर हाय-हाय हो रही है. सड़क से संसद तक गाय पर हंगामा मचा है. चार दलित युवकों की पिटाई गौरक्षा दल वालों को महंगी पड़ी है.

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तस्वीर: Reuters/S. Andrade

गऊ माता का लेना देना भारत में पवित्रता से ज्यादा बवाल से हो गया है. देश के किसी न किसी हिस्से में गाय पर बवाल चलता रहता है. ताजा मामला गुजरात का है जहां दलित समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. ये लोग गाय को लेकर चार दलित युवकों की पिटाई से आक्रोशित हैं.

क्या है मामला

बीते हफ्ते एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ जिसमें कुछ लोग सरेआम चार युवकों की पिटाई करते दिख रहे थे. इन युवकों की कमीजें उतार दी गई थीं और इन्हें डंडे से मारा जा रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला कि यह वीडियो गुजरात के ऊना का है. अहमदाबाद से करीब 360 किलोमीटर दूर ऊना के ये युवक दलित समुदाय से थे और मरी हुई गायों की खाल उतारने का काम करते थे. इसी बात से नाराज होकर कथित गौरक्षा दल के सदस्यों ने इन युवकों की पिटाई की थी. पुलिस ने बताया कि जिन युवकों की पिटाई हो रही थी वे बस चमड़े की एक फैक्ट्री में वर्कर थे. युवक बताते रहे कि वे बस मरे हुए जानवरों की खाल उतारते हैं लेकिन उन्हें ना सिर्फ बांधकर पीटा गया बल्कि वीडियो भी इन स्वयंभू गौरक्षकों ने स्वयं बनाया था और चेतावनी के तौर पर इंटरनेट पर डाला था. वीडियो वायरल होने के बाद धीरे-धीरे गुस्सा बढ़ने लगा.

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गंभीर विरोध

वीडियो वायरल होने के तीन-चार दिन बाद छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कुछ लोगों ने विरोध स्वरूप मरी हुई गाय सड़कों पर डालनी शुरू कर दीं. एक ऐसा ही फोटो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ जिसमें चार मरी हुई गायों को म्युनिसिपल कमिटी के दफ्तर के सामने डाला गया था. लेकिन सोमवार को यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा. सात दलित युवाओं ने आत्महत्या की कोशिश में जहर पी लिया. बसों को आग लगा दी गई. राजकोट में दो बसों को आग लगाई गई जबकि जामनगर में एक बस फूंकी गई. गुजरात के सौराष्ट्र इलाके में सबसे ज्यादा प्रदर्शन हो रहे हैं. गुजरात के कम से कम सात सबसे बड़े शहर इससे प्रभावित हैं. इसके बाद यह मामला संसद तक पहुंच गया. बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया. इस पर इतना हंगामा हुआ कि सदन को स्थगित करना पड़ा.

हंगामा है क्यों बरपा

गाय को लेकर यह कोई पहला बवाल नहीं है. देश के कई राज्यों में इस तरह के गौरक्षा दल बन गए हैं. आमतौर पर ये दल विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं. गाय भारतीय जनता पार्टी के लिए एक संवेदनशील मुद्दा रहा है. देश में पहले भी गोमांस को लेकर हंगामा हो चुका है. उत्तर प्रदेश में एक मुसलमान की इसीलिए हत्या कर दी गई थी क्योंकि संदेह था कि उसने बीफ खाया था. लोगों ने अखलाक अहमद नाम के इस व्यक्ति के घर में घुसकर उसे पीट-पीट कर मार डाला था. लैब जांच में गोमांस की पुष्टि होने के बाद पिछले हफ्ते ही उस परिवार के खिलाफ गोहत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन खान पान के नाम पर किसी की हत्या करना जायज है?

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कैसे काम करते हैं कथित गौरक्षा दल

हरियाणा में बने एक गौरक्षा दल के कार्यकर्ता से बात करने पर पता चला कि ये गौरक्षा दल कैसे काम करते हैं. नाम न जाहिर करने की शर्त पर इस युवक ने बताया कि उनके दल में करीब 15 युवा हैं. उसका एक प्रधान है जिसका संबंध भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं से है. रात के वक्त यह प्रधान इन सभी युवकों को किसी वक्त फोन करके बताता है कि उसे किसी जगह गायों की तस्करी की सूचना मिली है. सभी युवा उस जगह पहुंचते हैं. वहां सड़क पर बाकायदा एक नाका लगाया जाता है और ये युवक हर वाहन को रोक-रोक कर उसकी तलाशी लेते हैं. हालांकि कानूनी रूप से उन्हें ऐसा करने का कोई हक नहीं है. अगर किसी वाहन में गाय मिलती हैं तो उस वाहन में सवार लोगों की पिटाई की जाती है. ऐसी पिटाई में देश के कई इलाकों में कई लोगों की जानें जा चुकी हैं.

गौरक्षा दल में शामिल ज्यादातर युवक कम पढ़े लिखे और बेरोजगार हैं. इस कार्यकर्ता ने बताया कि प्रधानजी फिलहाल सिर्फ आने जाने का खर्च देते हैं लेकिन उन्होंने वादा किया है कि कुछ समय बाद नियमित राशि मिला करेगी.