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कानून का राज्ययूरोप

क्यों होती हैं स्वीडन में कुरान जलाने की घटनाएं

२४ जुलाई २०२३

कुरान के सार्वजनिक अपमान की घटनाओं के बाद देश के भीतर ही नहीं, मुस्लिम मुल्कों में भी यह सवाल उठा है कि आखिर स्वीडन में इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं.

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स्वीडन में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कुरान या किसी भी धर्म ग्रंथ के अपमान या जलाने जैसी घटना को रोकता हो
स्वीडन में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कुरान या किसी भी धर्म ग्रंथ के अपमान या जलाने जैसी घटना को रोकता होतस्वीर: Christine Olsson/TT/IMAGO

इस तरह का एक और मामला बीते गुरूवार का है जब इराकी दूतावास के सामने दो पुरुषों ने कुरान को ठोकर मारी और पैरों से कुचला. इस प्रदर्शन को पुलिस की इजाजत मिली हुई थी जबकि इसके विरोध में उतरे लोगों को दूरी पर रखा गया. इसी व्यक्ति ने स्टॉकहोम मस्जिद के बाहर पिछले महीने कुरान जलाई थी और उसे भी पुलिस की मंजूरी हासिल थी. 2023 की शुरूआत में इसी तरह की हरकत डेनमार्क में एक धुर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता ने तुर्की दूतावास के सामने की थी. स्वीडन इस तरह की घटनाओं से कैसे निपट रहा है?

क्या स्वीडन में कुरान जलाने की इजाजत है?

देश में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कुरान या किसी भी धर्मग्रंथ के अपमान या जलाने जैसी घटना को रोकता हो. ज्यादातर पश्चिमी देशों की तरह स्वीडन में ईशनिंदा से जुड़ा कोई कायदा-कानून नहीं है. ऐसा हमेशा से नहीं था. 19वीं सदी में ईशनिंदा को भयानक अपराध माना जाता था जिसमें मृत्युदंड की सजा थी लेकिन जैसे जैसे देश धर्मनिरपेक्षता की तरफ बढ़ा, ईशनिंदा कानून में ढील दी गई. इस तरह का आखिरी कानून 1970 में खत्म कर दिया गया.

मुस्लिम देशों ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटनाओं पर सवाल उठाया है
मुस्लिम देशों ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटनाओं पर सवाल उठाया हैतस्वीर: Bilal Hussein/AP/picture alliance

नाटो: कुरान जलाने के बाद बढ़ी स्वीडन की मुश्किलें

बहुत से मुस्लिम देशों ने स्वीडन की सरकार से इस दिशा में कार्रवाई की मांग की है. हालांकि यह तय करना पुलिस का काम है कि किसी जन प्रदर्शन को इजाजत दी जाएगी या नहीं. सरकार यह फैसला नहीं करती. बोलने की आजादी संवैधानिक अधिकार है और पुलिस ऐसे किसी विरोध-प्रदर्शन को तभी रोक सकती है जब वह जन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करे. फरवरी महीने में पुलिस ने यही किया जब कुरान जलाने से संबंधित दो अर्जियों को खारिज किया गया. इसके पीछे सुरक्षा एजेंसी के आकलन को आधार बनाया गया कि इस तरह की चीजें देश में आंतकी हमलों का कारण बन सकती हैं. हालांकि कोर्ट ने पुलिस के फैसले को यह कहते हुए उलट दिया कि लोगों के सार्वजनिक प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस को खतरे के ज्यादा ठोस सुबूत देने होंगे.

क्या कुरान जलाने को नफरती बयान माना जाए?

स्वीडन में हेट-स्पीच कानून धर्म, नस्ल, सेक्सुअल और लैंगिक पहचान के आधार पर भड़काऊ बयानों को रोकता है. कुछ लोगों का मानना है कि कुरान जलाना मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ गतिविधि है इसलिए इसे रोका जाना चाहिए. एक विचार यह भी है कि यह इस्लाम के खिलाफ है केवल मुसलमानों के नहीं इसलिए यह धर्म की आलोचना के अधिकार का मसला है जिसकी आजादी होनी ही चाहिए. भले ही फिर कोई इसके विरोध में क्यों ना हो.

पुलिस की निष्पक्षता जांचने के लिए एक व्यक्ति ने बाइबिल और तोराह जलाने की बात कही थी हालांकि बाद में उसने इरादा बदल दिया
पुलिस की निष्पक्षता जांचने के लिए एक व्यक्ति ने बाइबिल और तोराह जलाने की बात कही थी हालांकि बाद में उसने इरादा बदल दियातस्वीर: Magnus Lejhall/TT News Agency/AP Photo/picture alliance

स्वीडन: हमले की आशंका के बीच पुलिस ने कुरान जलाने वाली रैली बैन की

इन घटनाओं से दुखी कुछ मुसलमानों ने यह सवाल भी उठाया कि अगर किसी दूसरे धर्मकी पवित्र किताबों को जलाया गया होता तब भी क्या स्वीडन की पुलिस इसकी इजाजत देती?इसका टेस्ट करने के लिए एक मुसलमान आदमी ने पुलिस को एप्लीकेशन भेजा कि उसे इस्राएली दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते हुए तोराह और बाइबिल जलाने की इजाजत दी जाए. इस्राएली अधिकारियों और यहूदी समुदाय ने इसकी आलोचना की लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत दे दी. हालांकि जब वह व्यक्ति नियत स्थान पर पहुंचा तो उसने यह कह कर इरादा बदल दिया कि वह मुसलमान है और सभी धर्मग्रंथ जलाने के विरोध में है.

दुनिया भर में कैसा है ईश निंदा कानून

ईश निंदा बहुत से देशों मैं कानूनी अपराध है. पियू रिसर्च सेंटर के 2019 के एक शोध मुताबिक 198 में से 79 देशों में ऐसे कानून या नीतियां हैं जो ईश्वर की निंदा को रोकते हैं. अफगानिस्तान, ब्रुनेई, ईरान, नाइजीरिया, पाकिस्तान और सउदी अरब जैसे देशों में इन मामलों में मौत की सजा भी दी जा सकती है. 

स्वीडन में कुरान के अपमान की घटना का विरोध ईरान की सड़कों पर हुआ
स्वीडन में कुरान के अपमान की घटना का विरोध ईरान की सड़कों पर हुआतस्वीर: Vahid Salemi/AP/picture alliance

स्वीडन में क्यों भड़के हुए हैं मुसलमान?

मध्यपूर्व और उत्तरी अफ्रीका के 20 में से 18 देशों में इस तरह की हरकत अपराध की श्रेणी में आती है हालांकि ज्यादातर मामलों में मौत की सजा नहीं दी जाती. इराक में किसी धार्मिक तबके में पवित्र माने जाने वाले चिन्हों का अपमान करने पर तीन साल जेल की सजा होती है. 1975 से 1990 के बीच गृहयुद्ध झेलने वाले लेबनान में भी सामुदायिक झगड़ा भड़काने वाली ऐसी किसी घटना पर तीन साल तक कैद हो सकती है. अमेरिका में पहले संवैधानिक संशोधन के बाद मिले अधिकारों के तहत कुरान जलाना कानूनी तौर पर अपराध नहीं है.

एसबी/एनआर (एपी)