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"अमेठी तो कांग्रेस की थी और आगे भी रहेगी"

२ जुलाई २०१०

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी को छत्रपति शाहूजी महाराज नगर नाम से नया जिला बनाए जाने को कांग्रेस ने अस्वीकार्य बताया है. पार्टी का कहना है कि अमेठी तो नेहरू गांधी परिवार से जुड़ी रहेगी.

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अमेठी से राहुल हैं सांसदतस्वीर: UNI

अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने तंज भरे लहजे में कहा, "कर दिया, तो अपना नाम भी बदल दिया होता." उन्होंने कहा कि देश में कुछ नाम खुद अपनी पहचान हैं और अमेठी उन्हीं में से एक है. खुर्शीद ने अमेठी का नाम बदलने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले को "अनुचित, अनावश्यक और अस्वीकार्य" बताया है.

Uttar Pradesh Mayawati
मुख्यमंत्री मायावतीतस्वीर: UNI

उधर कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार कुछ भी करती रहे लेकिन अमेठी नेहरू गांधी परिवार से जुड़ी रही है और हमेशा जुड़ी रहेगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को छत्रपति शाहूजी महाराज नगर नाम से जिस नए जिले की घोषणा की है वह 3,070 वर्ग किलोमीटर में फैला है और उसमें पांच तहसील होंगी जिनमें अमेठी, गौरीगंज, सुल्तानपुर जिले की तहसील मुसाफिरखाना और राय बरेली जिले की तहसील सालोन और तिलोई शामिल हैं. नए जिले में 16 विकास खंड और 17 पुलिस थाने होंगे.

ये सभी तहसीलें अमेठी संसदीय क्षेत्र में होगी, जिसका प्रतिनिधित्व कांग्रेस के 'युवराज' राहुल गांधी करते हैं. मुख्यमंत्री मायावती राहुल से खफा रहती हैं क्योंकि वह बीएसपी के दलित वोट बैंक को कांग्रेस की तरफ लुभाने की मुहिम में जुटे हैं. इससे पहले गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, "मुख्यमंत्री मायावती की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में छत्रपति शाहूजी महाराज नगर का जिले का दर्जा बहाल करने का फैसला किया गया है. साथ ही कानपुर देहात को अब रामाबाई नगर जिले के नाम से जाना जाएगा."

इस तरह मायावती ने 2002 में लिए गए अपने फैसले को बहाल कर दिया है जिसके मुताबिक सुल्तानपुर और राय बरेली के कुछ हिस्सों को मिलाकर नया जिला बनेगा. यह फैसला उन्होंने अपने तीसरे मुख्यमंत्रित्व काल में लिया था. लेकिन उसके बाद बनी समाजवादी पार्टी की सरकार ने नए जिले को खत्म कर दिया था.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़