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समाज

अमेरिका में कम होती बच्चों की पैदाइश

१५ मई २०१९

अमेरिका में बच्चों की पैदाइश अब भी बेहद कम है. बीते सालों में अर्थव्यवस्था तो फिर रफ्तार पकड़ने लगी है, लेकिन बच्चे पैदा करने के मामले में सुधार होने की बजाय स्थिति और खराब हो गई है.

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Symbolbild Babyfüße
तस्वीर: picture-alliance/Arco Images/J. Esch

अमेरिका में पिछले साल पैदा हुए 99 फीसदी बच्चों के आंकड़े के आधार एक रिपोर्ट तैयार की गई है. रिपोर्ट से पता चला है कि बीते एक साल में केवल 37 लाख 88 हजार बच्चे पैदा हुए. यह लगातार चौथा साल है जब अमेरिका में जन्मदर नीचे गई और 1986 के बाद सबसे कम हो गई है. बहुत से विशेषज्ञ इस बात से हैरान हैं कि अर्थव्यवस्था बेहतर हो रही है लेकिन जन्मदर में सुधार नहीं दिख रहा.

अमेरिकी महिलाओं की प्रजनन दर भी 2 फीसदी घट कर 1.7 बच्चे प्रति महिला पर पहुंच गई है. इसका मतलब यह है कि मौजूदा पीढ़ी इतने बच्चे पैदा नहीं कर रही जो आने वाले दशकों में उनकी जगह ले सके. अमेरिकी औरतें मातृत्व को टाल रही हैं या फिर पूरी तरह से भुला दे रही हैं, इसके बारे में अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता.

अगर यही ढर्रा बना रहा तो विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में आने वाले दिनों में मजदूरों की कमी तो होगी ही  बुजुर्गों की देखभाल करने वाले लोग भी नहीं मिलेंगे, जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी.

हैम्पशर यूनिवर्सिटी के कार्से स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ केनेथ एम जॉन्सन ने बतया, "मैं यह उम्मीद करता रहा कि जन्मदर ऊपर जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ." उनका अनुमान है कि अगर जन्मदर आर्थिक मंदी से पहले वाले दौर के स्तर पर नहीं गई होती तो पिछले साल में 57 लाख बच्चे पैदा होते. जॉन्सन ने कहा, "किंडरगार्टेन के बहुत से कमरे खाली पड़े हैं."

कुछ दूसरे विशेषज्ञ इस बात से उतने चिंतित नहीं हैं. उनका कहना है कि युवा औरतें बाद में बच्चे पैदा करने में जुट जाएंगी. 2018 में 35-39 और 40-45 के बीच उम्र वाली महिलाओं में जन्मदर थोड़ी सी ज्यादा है. साउथ कैरोलाइना यूनिवर्सिटी की जनसांख्यिकी विशेषज्ञ कैरोलाइन स्टेन हार्टनेट का कहना है, "एक अमीर देश के लिए हमारी जन्मदर अब भी काफी ज्यादा है."

अमेरिकी औरतें दूसरे विकसित देशों की तुलना में पारिवारिक जीवन जल्दी शुरू करती हैं. दूसरे देशों में भी जन्मदर में इस तरह की कमी आती दिख रही है.

ओहायो यूनिवर्सिटी की कारेन बेंजामिन गुज्जो कहती हैं कि युवा अमेरिकी अब भी बच्चे पैदा करना चहते हैं लेकिन वो जीवन में इतना स्थिरता महसूस नहीं कर पा रहे कि बच्चों को जन्म देने के बारे में सोचे.

गुज्जो ने यह भी कहा कि अमेरिका पैरेंटल लीव, प्री स्कूल का विस्ता और चाइल्ड केयर में सब्सिडी बढ़ा कर लोगों को बच्चै पैदा करने के लिए तैयार कर सकता है. युवा स्टूडेंट लोन और घर के खर्चों से जूझते रहते हैं. जन्मदर में कमी सभी नस्लों में आ रही है. हिस्पानियाई, गोरे, काले और एशियाई, सब की जन्मदर नीचे गई है. हवाईयन और प्रशांत द्वीपीय लोगों में जन्मदर जरूर स्थिर है.

द सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि 15-44 साल की उम्र की औरतों में प्रति 1000 महिला बच्चे की पैदाइश 59 है, जो सर्वकालिक रूप से कम है.

पिछले साल 2017 की तुलना में 2 फीसदी बच्चे कम पैदा हुए. 15-19 साल की मांओं में बच्चे की जन्म दर 179,607 है जो करीब आठ फीसदी कम हुई है.

इसी तरह प्रीमैच्योर बच्चों की जन्मदर लगातार चौथे साल बढ़ी है. बीते साल के 9.9 फीसदी के बदल ये दर अब 10 फीसदी हो गई है.

एनआर/एके (एपी)