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असांज को 14 दिन की मोहलत

३० मई २०१२

ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांज का स्वीडन प्रत्यर्पण किया जा सकता है. लेकिन उनके प्रत्यर्पण पर अभी 14 दिन की रोक है, ताकि उनके वकील मुकदमा फिर से शुरू करने की अपील कर सके.

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तस्वीर: Reuters

ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने असांज के वकील की इस दलील को खारिज कर दिया कि जिस स्वीडिश अभियोजक ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं थी. असांज पर यौन दुर्व्यवहार का मुकदमा चल रहा है. सात में पांच जज इस पर सहमत थे कि स्वीडन के अभियोजक सही अधिकारी हैं. इसलिए वह असांज के खिलाफ वारंट भी जारी करवा सकते थे.

फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष निकोलास फिलिप ने कहा, "असांज के प्रत्यर्पण के लिए आवेदन कानूनी तरीके से किया गया है और इसके खिलाफ असांज की अपील ठुकराई जाती है." लेकिन मामले में अहम और औचक मोड़ तब आया जब असांज के वकील दिनाह रोस ने जज से पूछा कि क्या उन्हें इस केस को फिर से शुरू करने के लिए 14 दिन की मोहलत मिल सकती है. उनकी दलील थी कि फैसले में ऐसे सबूतों की चर्चा है जिस पर अदालत में बहस नहीं हुई थी. जज ने यह मांग मान ली. सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल में पहली बार इस तरह का फैसला लिया है.

Julian Assange
तस्वीर: dapd

असांज फैसले के दिन अदालत में मौजूद नहीं थे. उनके एक समर्थक ने बताया कि वह ट्रैफिक में फंस गए थे. अदालत के बाहर असांज के मुख्य वकील गारेथ पीयर्स ने पुष्टि की कि फिलहाल प्रत्यर्पण रोक दिया गया है. हालांकि फैसला तो हो गया है. "उन्होंने हमें दो सप्ताह की अनुमति दी है कि हम लिखित जानकारी दें कि अधिकतर जजों ने उन मुद्दों के आधार पर फैसला लिया है जिन पर अदालत में कभी बहस ही नहीं हुई. मुख्य सवाल संधि कानून पर वियना समझौते की व्याख्या का है. यह न्यायिक प्रक्रिया का बिंदु है, जो कि उनके फैसले से निकल कर आया. क्योंकि अधिकतर जजों ने वियना समझौते के आधार पर फैसला लिया है. जिस पर सुनवाई के दौरान कभी बहस ही नहीं हुई. "

अगर असांज का मुकदमा फिर से ब्रिटेन में शुरू नहीं हो पाता है तो उनके पास स्ट्रासबुर्ग में यूरोप की मानवाधिकार अदालत में अपील करने का मौका है. असांज ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि उन्होंने विकीलीक्स की सहयोगी दो महिलाओं के साथ स्वीडन में यौन संबंध बनाए. लेकिन उन्होंने यह कहा है कि यह पारस्परिक सहमति से किया गया था. उनकी दलील है कि इस आरोप के पीछे राजनीतिक लक्ष्य हैं. महिलाओं ने आरोप लगाया है कि असांज ने उनके साथ बलात्कार किया और स्वीडन में बलात्कार की सजा कड़ी है. असांज की मां क्रिस्टीन ने फैसले से पहले कहा, "यह चौबीस घंटे चलने वाला बुरा सपना है. क्योंकि हम जानते हैं कि वह सुरक्षित नहीं है और दुनिया की सबसे बड़ी सरकारें उसकी तलाश में हैं."

सुप्रीम कोर्ट ब्रिटेन में उनकी आखिरी अपील का ठिकाना है. इससे पहले दो निचली अदालतों ने फैसला दिया था कि उन्हें स्वीडन भेज दिया जाना चाहिए.

एएम/एमजे (एएफपी,एपी)

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