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असांज को इक्वाडोर ने अपने दूतावास से क्यों निकाला?

ओंकार सिंह जनौटी
१५ अप्रैल २०१९

अपने दूतावास में सात साल तक शरण देने के बाद आखिर इक्वाडोर ने जूलियन असांज को गिरफ्तार करवा दिया. क्या असांज इक्वाडोर के राष्ट्रपति के लिए बड़ा खतरा बन गए थे?

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London Festnahme Julian Assange
तस्वीर: Reuters/H. Nicholls

इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो की एक निजी तस्वीर. राष्ट्रपति बिस्तर पर लेटे हैं. सामने विलासिता से भरा भोजन रखा गया है. इक्वाडोर आर्थिक मुश्किलों से गुजर रहा है. राष्ट्रपति लेनिन मोरेनो सरकारी खर्च में कटौती कर रहे हैं. फिजूलखर्ची का हवाला देते हुए कई विभागों का पैसा काटा जा रहा है. ऐसे में राष्ट्रपति के विलासिता से भरे नाश्ते की तस्वीरें लीक और वायरल हुईं. ये किसने किया, इसका पुख्ता सबूत नहीं है. इक्वाडोर के राष्ट्रपति विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज पर शक जता रहे हैं.

मार्च 2019 में INApapers.org नाम की एक वेबसाइट पर इक्वाडोर के राष्ट्रपति से जुड़ी और भी कई जानकारियां लीक हुईं. लीक डाटा में करीब 200 निजी ईमेल, टेक्स्ट मैसेज और डॉक्यूमेंट शामिल थे. मोरेनो की परिवार समेत यूरोप यात्रा की तस्वीरें भी थीं. राष्ट्रपति मोरेनो को इससे खासी किरकिरी का सामना करना पड़ा. एक रेडियो इंटरव्यू में मोरेनो ने कहा, "मेरे बेडरूम की तस्वीरें, मैं क्या खाता हूं, मेरी पत्नी, मेरी बेटियां और दोस्त कैसे डांस करते हैं" ये सब लीक हुआ.

Ecuador: Präsident Lenin Moreno
इक्वाडोर के राष्ट्रपति लेनिन मोरेनोतस्वीर: Getty Images/AFP/C. Vega

लीक के लिए असांज को जिम्मेदार ठहराते हुए मोरेनो ने कहा, "असांज झूठ नहीं बोल सकते हैं या निजी खातों या निजी फोनों को हैक नहीं कर सकते हैं." विकीलीक्स ने इन आरोपों से इनकार किया है. लेकिन मोरेनो नहीं माने. 11 अप्रैल 2019 को उन्होंने लंदन स्थिति इक्वाडोर के दूतावास के गेट लंदन की पुलिस के लिए खुलवा दिए. पुलिस दूतावास में दाखिल हुई और जूलियन असांज को घसीट कर बाहर ले गई. असांज को जून 2012 में इक्वाडोर ने अपने दूतावास में शरण दी थी, तब से विकीलीक्स के संस्थापक दूतावास में ही रह रहे थे.

इक्वाडोर के अधिकारियों का कहना है कि असांज ने शरण की शर्तों को तोड़ा. उन्होंने सिक्योरिटी कैमरे हैक किए, बिना इजाजत सुरक्षा संबंधी फाइलों तक पहुंच बनाई और प्रतिबंधित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी इंस्टॉल किए. डॉयचे वेले की आना मारिया रोउरा से बातचीत में ब्रिटेन में तैनात इक्वाडोर के राजदूत खामे मारशान ने कहा, "यह दूतावास का मुख्य कमरा है लेकिन यह मिस्टर असांज ने अकेले इस्तेमाल किया. यहां वह अपने इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर इक्विपमेंट्स पर काम करते थे और अपने समर्थकों के संपर्क में रहते थे. वह दूसरे देशों के राजनीतिक हितों में आक्रामक रूप से दखल देने का निर्देश देते थे. ऐसा उन्होंने अमेरिकी चुनाव में किया, स्पेन में कैटेलोनिया जैसे संवेदनशील मुद्दे पर किया और इक्वाडोर की घरेलू राजनीति में भी दखल दिया."

Australien Sydney - Proteste gegen die Festnahme von Julian Assange
सिडनी में असांज की रिहाई के लिए प्रदर्शन करते लोगतस्वीर: Image Images/AAP/P. Rae

47 साल के ऑस्ट्रेलियाई नागरिक जूलियन असांज ने हैकिंग और अपनी वेबसाइट विकीलीक्स के जरिए 2010 में अंतरराष्ट्रीय राजनीति में खलबली मचा दी. विकीलीक्स ने इराक युद्ध से जुड़े गोपनीय अमेरिकी दस्तावेज रिलीज किए. दस्तावेजों से पता चला कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी आतंकवाद के शक में गिरफ्तार किए गए संदिग्धों के साथ कैसा दुर्व्यवहार करती है. बढ़ते दवाब के बीच तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ग्वातानामो बे की एक जेल बंद करने का एलान किया. ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को इस्तीफा देना पड़ा.

2016 में विकीलीक्स ने हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रैटिक पार्टी से जुड़े कई ईमेल लीक किए. हैकिंग से हिलेरी क्लिंटन के राष्ट्रपति चुनाव अभियान को धक्का लगा. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को शक है कि हैकिंग रूस ने की और दस्तावेज विकीलीक्स के जरिए लीक करवाए. रूस इन आरोपों से इनकार करता है. लेकिन यह भी सच है कि विकीलीक्स ने अभी तक रूस से जुड़े दस्तावेज कभी लीक नहीं किए हैं.

इक्वाडोर की शरण में असांज

2010 के लीक के बाद ही अमेरिका ने असांज के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था. उस दौरान असांज स्वीडन में थे. स्वीडन में दो महिला पत्रकारों ने असांज पर बिना सहमति के सेक्स करने करने का आरोप लगाया. स्वीडन की अदालत ने विकीलीक्स के संस्थापक के खिलाफ वारंट जारी किया. स्वीडिश वारंट से बचने के लिए असांज लंदन आ गए. लंदन की अदालत में जमानत की अपीलें खारिज होने के बाद जून 2012 में गिरफ्तारी से बचने के लिए असांज ने इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली.

अमेरिका से तल्ख संबंधों के चलते 2007 से 2017 तक इक्वाडोर के राष्ट्रपति रहे राफाएल कोरेया ने असांज को लंदन स्थिति दूतावास में शरण दी थी. लेकिन 2017 के चुनाव में मोरेनो की जीत हुई. रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिका से संबंध अच्छे करने के लिए बेताब मोरेना असांज को लंदन दूतावास से बाहर निकालने के वादा कर चुके थे. मोरेनो के आरोपों के बाद असांज के लिए यूरोप में सहानुभूति कम हो सकती है और वॉशिंगटन के अधिकारी इसी पल के इंतजार में हैं.