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आपके कदमों पर है गूगल की नजर

१४ अगस्त २०१८

आप कहां जाते हैं, इसकी खबर गूगल को लगातार मिल रही है. भले ही आप अपने फोन की लोकेशन को ऑफ कर दे, फिर भी गूगल आपके ठिकाने का पता रखता है. एक पड़ताल में यह बात सामने आई है और एक्सपर्ट्स इसे निजता का उल्लंघन बता रहे हैं.

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तस्वीर: picture alliance/dpa/S. Hoppe

प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस के शोधकर्ताओं के अनुसार एंड्रॉयड और आईफोन में गूगल की कई ऐसी सेवाएं हैं जो पर्सनल सेटिंग्स का इस्तेमाल करने के बावजूद आपकी लोकेशन का रिकॉर्ड रखती हैं. फोन इस्तेमाल करते वक्त आपने कई बार मैसेज देखा होगा जिसमें लोकेशन की इजाजत मांगी जाती है. मसलन, गूगल मैप का इस्तेमाल करते वक्त लोकेशन बतानी पड़ती है. ऐसा करने के बाद गूगल पर आपकी मूवमेंट का रिकॉर्ड दर्ज होने लगता है. 

अपनी सफाई में गूगल का कहना है कि इससे कंपनी को यह रिकॉर्ड रखने में सुविधा होगी कि यूजर इस वक्त कहां है. अगर किसी यूजर को निजता के उल्लंघन का डर सता रहा है तो वह लोकेशन को ऑफ कर सकता है. गूगल के प्रवक्ता का कहना है, "लोगों की जिंदगी आसान बनाने के लिए गूगल कई तरह के ऐप की सुविधा देता है जिसमें लोकेशन हिस्ट्री, वेब ऐंड ऐप एक्टिविटी शाल है. हमने लोगों को हिस्ट्री डिलीट करने का विकल्प दिया है."

हालांकि यह सच नहीं है. रिसर्च बताती है कि अगर लोकेशन हिस्ट्री को ऑफ कर दिया जाए तो भी ऐप ऑटोमैटिकली लोकेशन की जानकारी को सुरक्षित रख लेता है. गूगल मैप, मौसम की जानकारी देने वाले ऐप यूजर की लोकेशन पर ही निर्भर करते हैं और ये लगातार गूगल अकाउंट में सेव होते चलते हैं.

गूगल के इस दखल से अरबों गूगल एंड्रॉयड और करोड़ों आईफोन यूजर्स पर असर पड़ रहा है जो गूगल मैप का सहारा लेते हैं. प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंटिस्ट जोनाथन मायर का कहना है, "यूजर्स द्वारा लोकेशन डeटा ऑफ करने के बाद भी उसका रिकॉर्ड रखना गलत है. अगर आप यूजर को लोकेशन हिस्ट्री टर्न ऑफ की सुविधा देते हैं तो यह पूरी तरह से रेकॉर्ड के बाहर ही होना चाहिए."

गूगल पर 4.34 अरब यूरो का जुर्माना

इन दिनों निजता के उल्लंघन के मामले में बड़ी टेक कंपनियां आलोचना का सामना कर रही हैं. पिछले दिनों यूरोपीय संघ ने नए डाटा-प्राइवेसी नियम लागू किए हैं.

पिछले साल बिजनेस न्यूज वेबसाइट क्वार्ट्ज ने पाया कि एंड्रायड फोन का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के करीबी सेलफोन टावर का पता गूगल के पास पहुंच रहा था. ऐसा लोकेशन को ऑफ करने के बाद भी हो रहा था. आलोचकों का कहना है कि यूजर्स की लोकेशन का पता करने से गूगल को विज्ञापनों से मिलने वाली कमाई में बढ़ोतरी होती है. 

गूगल की प्रतिद्वंद्वी एडवरटाइजिंग टेक्नोलॉजी कंपनी स्टीलेरी के पीटर लेंस के मुताबिक, ''गूगल डाटा इकट्टा करता है जिससे उसे विज्ञापन में सहूलियत होती है. जितना अधिक यूजर डाटा का रिकॉर्ड होगा, उतना मुनाफा बढ़ेगा.''

वीसी/एमजे (एपी)

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