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आरुषि कांड में कानून मंत्री की सीबीआई से बातचीत

३१ दिसम्बर २०१०

नोएडा के बहुचर्चित आरुषि हत्याकांड में भारत के कानून मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने सीबीआई के निदेशक से बातचीत की और मामले को आगे बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की. सीबीआई फाइल बंद करने की अर्जी दे चुका है.

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तस्वीर: AP

14 साल की आरुषि तलवार की हत्या के बाद कई तरह की रिपोर्टें आईं और आरुषि के पिता तक को गिरफ्तार किया गया. लेकिन ढाई साल बाद सीबीआई ने जांच बीच में ही बंद कर दी.

मीडिया में लगातार खबरें आने के बाद भारत के केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने सीबीआई प्रमुख एपी सिंह से मुलाकात की. मोइली ने बताया, "मैंने आरुषि तलवार हत्याकांड पर विस्तार से बातचीत के लिए सीबीआई अध्यक्ष को बुलाया. सवाल यह है कि क्या यह केस बंद कर देने के लिए ठीक है या फिर इसकी आगे जांच होनी चाहिए." मोइली पहले भी कह चुके हैं कि वह एजेंसी के उस फैसले को देखेंगे कि क्यों उन्होंने आरुषि हत्याकांड की फाइल बंद करने का फैसला किया है.

मोइली ने केस के बारे में ज्यादा बोलने से इनकार कर दिया और बताया कि सीबीआई के साथ इस मुद्दे पर अलग अलग स्तरों के बारे में बारीकी से बातचीत की गई है. उन्होंने कहा, "देखते हैं कि हम किधर बढ़ सकते हैं." मोइली ने सीबीआई का बचाव करते हुए कहा कि कोई भी उसकी जांच पर सवाल नहीं उठा सकता है.

सीबीआई ने बुधवार को आरुषि हत्याकांड की फाइल बंद करने का फैसला किया और गाजियाबाद की अदालत में इसके लिए अर्जी दे दी. सीबीआई का कहना है कि मामले को आगे बढ़ाने के लिए उसके पास पर्याप्त सबूत नहीं जुट पाए हैं.

सीबीआई का कहना है कि किसी ठोस नतीजे तक पहुंचने के लिए उसके पास पूरे सबूत नहीं हैं और अपराध की जगह से ऐसी कोई वस्तु बरामद नहीं की जा सकी, जिससे अपराधी को पकड़ा जा सके.

2008 की गर्मियों में 14 साल की आरुषि तलवार की उसके घर पर ही हत्या कर दी गई. उसके नौकर हेमराज पर शक गया लेकिन अगले ही दिन हेमराज की भी लाश बरामद हुई. पहले नोएडा पुलिस और फिर बाद में सीबीआई इस मामले को सुलझा नहीं पाई. हालांकि इस मामले में कई दूसरी गिरफ्तारियां भी हुईं और सीबीआई की दो टीमें भी बनीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः महेश झा