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इंसान को कितना मांस खाना चाहिए?

ओंकार सिंह जनौटी
१९ मई २०१७

बहुत ज्यादा मीट खाने वालों की जल्दी मरने की संभावना काफी ज्यादा होती है. शाकाहारियों का भी यही हाल है. ऐसे में क्या खाया जाए और कितनी मात्रा में.

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Der Kampf zwischen Döner und Tikka
तस्वीर: DW/Soliman

मांस, कई जानवरों की तरह इंसान के लिए भी यह प्रोटीन का मुख्य जरिया है. लेकिन बदलती जीवनशैली के साथ इंसान बहुत ज्यादा मीट खाने लगा है. और इसके दुष्परिणाम 18 साल लंबे शोध में सामने आए हैं. यह दुनिया के सबसे लंबे शोधों में से एक है. शोध में 10 यूरोपीय देशों के पांच लाख लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान उनके खान पान का हिसाब रखा गया और कैंसर, दिल की बीमारियों व डायबिटीज पर भी नजर रखी गई.

शोध का निचोड़ यह निकला कि ज्यादा मीट खाने वालों की जल्दी मरने की संभावना भी अधिक होती है. शाकाहारी भी बहुत लंबा नहीं जीते हैं, लेकिन कम मांस खाने वाले इन दोनों के मुकाबले ज्यादा लंबा जीते हैं. वैज्ञानिकों को इसका कारण भी समझ में आया है. मांस में ऐसे कई तत्व होते हैं जो इंसान को पोषण देते हैं. शरीर का मेटाबॉलिज्म मांस को शाकाहार की तुलना में ज्यादा आसानी से पचा लेता है.

जर्मन न्यूट्रिशियन सोसायटी और वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड का सुझाव है कि एक हफ्ते में 500 ग्राम से ज्यादा मीट नहीं खाना चाहिए. इसके साथ ही सॉसेज, बैकन और सलामी जैसे प्रोसेस्ड मीट से बचना चाहिए. इनमें सोडियम नाइट्रेट होता है जो सेहत को नुकसान पहुंचाता है.

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(अगर ऐसा सलूक इंसानों के साथ हो तो?)