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इस हफ्ते यूरोप में रही ऐसी हलचल

अपूर्वा अग्रवाल
२० अप्रैल २०१८

अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन की सेनाओं का सीरिया पर संयुक्त हमला इस हफ्ते लगातार खबरों में रहा. लेकिन इसके अलावा शरणार्थी समस्या, अरमीनिया और येरुशलम जैसे मुद्दे भी सुर्खियों में रहे. एक नजर यूरोप की अहम घटनाओं पर.

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Symbolbild EU-Erweiterung
तस्वीर: Getty Images

यूरोप में कितने आए शरणार्थी

यूरोपीय संघ समेत यूरोप के अन्य देशों ने 2017 में तकरीबन पांच लाख शरणार्थी आवेदनों को स्वीकार किया है. ईयू के सांख्यिकी विभाग यूरोस्टेट के मुताबिक 2017 में ईयू के देशों के अलावा नॉर्वे, आइसलैंड और स्विट्जरलैंड में सुरक्षित दर्जा पाने का वाले शरणार्थियों की संख्या करीब 5.38 लाख रही. वहीं अन्य 24 हजार रिफ्यूजियों को पिछले साल इस इलाके में बसाया गया है. ईयू कानून के मुताबिक दो प्रकार से सुरक्षा मुहैया कराई जाती है.

Deutschland Flüchtlinge am Grenzübergang in Schärding
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Bruna

पहली रिफ्यूजी स्टेटस, इसके तहत वे लोग होते हैं जो खराब हालातों के चलते अपने देशों से सब छोड़छाड़ पर भागे हैं और दूसरा सब्सिडरी प्रोटेक्शन, इसमें वे लोग शामिल होते हैं जिनका वापस लौटना उनकी जान के लिए खतरा पैदा कर सकता है. हालांकि ये रिफ्यूजी की श्रेणी में नहीं आते. लेकिन इन्हें मानवीय आधार पर सुरक्षा दी जाती है. यूरोप में पिछले साल करीब एक तिहाई शरणार्थी सीरिया से आए, इसके बाद अफगानिस्तान और इराक से आए लोगों की संख्या है.

रिफ्यूजियों पर ग्रीस की अदालत का फैसला

ग्रीस रिफ्यूजियों को लेकर नरम रुख नहीं रखता. लेकिन ग्रीस की अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि जो रिफ्यूजी और आप्रवासी तुर्की से नाव के जरिए देश के एजियन द्वीप में दाखिल होते हैं उन्हें मेनलैंड तक आने की इजाजत होगी. इस फैसले ने एक बार फिर समुद्री रास्ते से रिफ्यूजियों के आने की आशंका को बढ़ा दिया है. यह फैसला सीरियाई देशों समेत अन्य देशों के रिफ्यूजियों के लिए अच्छा हो सकता है जो ग्रीस से होकर उत्तरी यूरोप में दाखिल होना चाहते हैं.

प्रधानमंत्री का विरोध कर रहा है अरमीनिया

अरमीनिया में इन दिनों आम जनता सड़कों पर उतरकर देश के नेता सर्ज सर्कस्यान का विरोध कर रही है. सर्कस्यान पहले राष्ट्रपति थे लेकिन अब प्रधानमंत्री पद पर हैं. देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अब उन्हें सरकार प्रमुख के रूप में नहीं देखना चाहता. 63 वर्षीय सर्कस्यान का नाम भ्रष्टाचार के कई मामलों में आया है.

Massenprotest in Eriwan, Armenien geht weiter
तस्वीर: picture-alliance/TASS/A. Geodakyan

साथ ही उन पर आरोप है कि वह देश में कारोबारियों और सत्ता के करीबियों की मदद कर रहे हैं. सर्कस्यान ने कहा था कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं होंगे लेकिन उनकी पार्टी ने उनका औपचारिक नामांकन दाखिल किया और वह प्रधानमंत्री बन गए. अरमीनिया ने 2015 में जनमत संग्रह कर देश की राष्ट्रपति शासन व्यवस्था को संसदीय प्रणाली में बदल दिया था. इसके तहत प्रधानमंत्री पद अधिक मजबूत होता है और राष्ट्रपति का पद महज औपचारिक रह जाता है.

रोमानिया अपना दूतावास ले जाएगा येरुशलम

साल 2007 में यूरोपीय संघ में शामिल हुआ रोमानिया अब संघ की नीतियों से इतर इस्राएल का अपना दूतावास येरुशलम ले जाने की तैयारी में है. रोमानिया के सत्ताधारी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के मुताबिक सरकार ने इस्राएल में अपने दूतावास को स्थानांतरित करने संबंधी फैसले को मंजूरी दी है. अमेरिका के बाद ऐसा फैसला लेने वाला रोमानिया पहला देश होगा. रोमानियाई कानूनों के मुताबिक इस मसले पर आखिरी फैसला राष्ट्रपति का होगा. 19 अप्रैल को इस्राएली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा था कि आधे दर्जन से भी अधिक देश अपने दूतावासों को येरुशलम ले जाने पर विचार कर रहे हैं.

Israel Jerusalem Blick auf Tempelberg
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Gharabli

तुर्की में होंगे आम चुनाव

इस साल जून में तुर्की में संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव होंगे. 18 अप्रैल को देश के राष्ट्रपति रेचेप तैयब एर्दोवान ने चुनावों की घोषणा की. पहले देश में आम चुनाव अगले साल नवंबर में होने थे लेकिन अब इन्हें जल्दी कराया जा रहा है. विश्लेषकों के मुताबिक जल्द चुनाव कराने के पीछे एर्दोवान का लक्ष्य सत्ता पर पकड़ मजबूत करना है. कुछ समय पहले ही तुर्की ने संसदीय शासन प्रणाली को छोड़कर राष्ट्रपति शासन व्यवस्था अपनाई है. इसके तहत देश की संसद कमजोर हुई है और राष्ट्रपति का पद मजबूत. इन चुनावों के बाद नईव्यवस्था प्रभावी हो जाएगी और राष्ट्रपति की ताकत में इजाफा होगा. 

Türkei Erdogan kündigt Neuwahlen an
तस्वीर: Reuters/M. Cetinmuhurdar

मशहूर फिल्म डायेरक्टर विटोरियो तवियानी का निधन

इतालवी फिल्म डायरेक्टर विटोरियो तवियानी का 88 साल की उम्र में 15 अप्रैल 2018 को निधन हो गया. अपने भाई पाउलो के साथ मिलकर तवियानी ने 20 से भी ज्यादा फिल्में बनाईं. बाप-बेटे के रिश्तों की कहानी बयां करती उनकी फिल्म पाद्रे पद्ररोने को 1977 में कान फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के खिताब से नवाजा गया. साल 2012 के बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में भी तवियानी ने गोल्डन बियर पुरस्कार जीता था. लंबी बीमारी के उनका इटली में देहांत हो गया.

Berlinale 2012 Preisträger Vittorio Taviani und Paolo Taviani
तस्वीर: dapd

रम में बदलाव लाने के लिए पांच साल का समय

यूरोपीय संघ के नियामक ने चेक गणराज्य की एक स्थानीय शराब कंपनी को अपनी रम की रेसिपी में बदलाव के लिए पांच साल का समय दिया है. जांच एजेंसियों के मुताबिक शराब कंपनी टूजिमाक लिकर की रम में इस्तेमाल होने वाले ईथर से कैंसर का खतरा हो सकता है. इसी के चलते नियामक ने एल्कोहोलिक ड्रिंक की रेसिपी में बदलाव के लिए 2023 तक का समय दिया है. इस रम का इस्तेमाल देश में बटर और मिठाई बनाने होता है.