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उड़ीसा के कछुओं के लिए संयुक्त राष्ट्र देगा पैसा

१५ जून २०१०

संयुक्त राष्ट्र ने उड़ीसा के कछुओं और काले हिरणों के संरक्षण के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है. खतरे में पड़े इन जीवों के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रमों के जरिए 50 लाख रूपये भेजे जाएंगे.

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खतरे में हैं जीवतस्वीर: UNI

उड़ीसा के गंजम इलाके में रहने वाले दुर्लभ काले हिरणों औऱ ओलिव रिडले प्रजाती के कछुओं को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यानी यूएनडीपी के पैसों से बचाया जाएगा. परियोजना मे सबसे पहले इन जीवों के आवास को बेहतर बनाया जाएगा.

कछुओं और काले हिरणों को बचाने के लिए आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग पहले से ही कोशिशों में जुटे हैं. अब यूएनडीपी के पैसे से इन इलाकों का विकास किया जाएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए एक करोड़ रुपये का एक पायलट प्रोजेक्ट यूएनडीपी को सौंपा है.

25.08.2008 DW-TV Global 3000 Turtles
तस्वीर: DW-TV

काले हिरण आसपास के इलाकों में करीब 64 किलोमीटर के दायरे में चौकड़ी भरते हैं. स्थानीय लोग धार्मिक मान्यताओं की वजह से इनका शिकार नहीं करते. काले हिरणों का संरक्षण करने वाली कमेटी के अध्यक्ष अमुल्या गांगुली बताते हैं कि 2008 में यहां 1,672 काले हिरण थे.

इनमें 411 नर, 1123 मादा और 138 बच्चे थे. इसी तरह से हजारों कछुवे रूसीकुल्या नदी के मुहाने पर हर साल जमा होते हैं और अपना आशियाना बनाते हैं. इन कछुओं की हिफाजत का जिम्मा स्थानीय लोग ही उठाते हैं. यहां तक कि मछुआरे भी इन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते.

इन दोनों इलाकों का विकास यूएनडीपी की मदद से किया जाएगा. विकास के काम में इन इलाकों में इको टूरिज्म की सुविधाएं मुहैया कराना, स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण देना और जागरुक बनाना भी शामिल है. भेतनाई के पास घायल काले हिरणों के लिए एक पुनर्वास केंद्र बनाने की भी योजना बनाई गई है.

रिपोर्ट: पीटीआई/ एन रंजन

संपादन: एस गौ़ड़