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उत्तर कोरिया परमाणु हथियार छोड़ेगा सिर्फ अमेरिकी 'कल्पना'

२५ दिसम्बर २०१७

यह सिर्फ अमेरिका की कल्पना है कि उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियार त्याग देगा. उत्तर कोरिया ने यह कहते हुए संयुक्त राष्ट्र के ताजा प्रतिबंधों को 'युद्ध की एक कार्रवाई' बताया है जो उनकी 'संप्रभुता का उल्लंघन' करता है.

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Nordkorea Kim Jong-un
तस्वीर: Getty Images/AFP/KCNA

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने बीते शुक्रवार को सर्वसम्मति से उत्तर कोरिया के खिलाफ नए कड़े प्रतिबंधों को मंजूरी दी. हाल ही में किए गए हथियारों के परीक्षण को देखते हुए यह प्रतिबंध लगाए गए हैं. उत्तर कोरिया ने एक ऐसे मिसाइल का परीक्षण किया है जो अमेरिका में कहीं भी हमला कर सकता है. सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव अमेरिका ने तैयार किया और उत्तर कोरिया के सहयोगी देश चीन के साथ इस पर चर्चा की गई.

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा, "अमेरिका और उसके अनुयायी देशों के इस प्रतिबंध के प्रस्ताव को हम हमारे गणराज्य की संप्रभुता का घोर उल्लंघन, युद्ध की कार्रवाई, शांति भंग और कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिरता के खिलाफ है मानते हैं." कोरियाई विदेश मंत्रालय ने इन प्रतिबंधों को उत्तर केरिया के खिलाफ "पूरी तरह से आर्थिक नाकेबंदी" करार दिया है.

Südkorea Militärübung in Paju
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Ahn Young-joon

उत्तर कोरिया ने कहा है "अगर अमेरिका सुरक्षित रहना चाहता है तो वह डीपीआरके के खिलाफ अपनी शत्रुता की नीतियों को छोड़े और परमाणु ताकत से लैस एक देश के साथ सह अस्तित्व में रहना सीखे. इसके साथ ही अमेरिका को अपनी इस कल्पना से बाहर आना होगा कि इतनी मुश्किलें उठा कर उत्तर कोरिया ने जो परमाणु हथियार बनाए हैं, वह उनका त्याग कर देगा." उत्तर कोरिया का आधिकारिक नाम डीपीआरके यानी डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया है.

नए प्रस्ताव में सुरक्षा परिषद उत्तर कोरिया के लिए तेल आयात की सीमा बहुत ज्यादा घटा दी गई है. इसके साथ ही उत्तर कोरिया से बाहर रह रहे सभी लोगों को 24 महीने के अंदर वापस लौटना होगा. इतना ही नहीं उत्तर कोरिया से और उत्तर कोरिया के लिए कोयले और तेल समेत सभी प्रतिबंधित चीजों की तस्करी रोकने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे.

सुरक्षा परिषद से इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए ट्रंप प्रशासन को डेमोक्रैटिक नेताओं की भी तारीफ मिली है. हालांकि इस प्रस्ताव में ट्रंप प्रशासन के सुझाए बेहद सख्त उपायों को शामिल नहीं किया गया है. इन उपायों में तेल के आयात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना और उत्तर कोरिया की सरकार और उसके नेता किम जोंग उन की अंतरराष्ट्रीय संपत्तियों को जब्त करना शामिल है.

रूस ने इस प्रस्ताव पर विचार के लिए सुरक्षा परिषद के देशों को मिले कम समय और आखिरी पलों में ड्राफ्ट में किए गए संशोधनों के लिए इसकी आलोचना की है. उधर चीन की सरकार ने सभी देशों से संयम बरतते हुए तनाव को दूर करने की दिशा में काम करने की अपील की है.

एनआर/एके (एपी)