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छात्रों से इकबाल का गीत गंवाने पर प्रधानाध्यापक निलंबित

१६ अक्टूबर २०१९

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को बच्चों से कविता बुलवाने के लिए निलंबित किया गया है. 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' लिखने वाले इकबाल की कविता पढ़वाने के लिए उन्हें निलंबित किया गया.

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Yogi Aditynath
तस्वीर: UP Govt

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल की स्थानीय इकाई की शिकायत पर निलंबित कर दिया गया. संगठनों का आरोप है कि छात्र सुबह की प्रार्थना में 'लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी' गीत गा रहे थे. कविता 'लब पे आती है दुआ' अल्लामा इकबाल के नाम से प्रसिद्ध मोहम्मद इकबाल ने 1902 में लिखी थी. इकबाल ने ही इस प्रसिद्ध पंक्ति 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' को लिखा है. रिपोर्ट के अनुसार, विहिप की शिकायत की ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) उपेंद्र कुमार ने जांच शुरू की. जांच में पाया गया कि स्कूल में बच्चे सुबह की सभा में अक्सर यही कविता गाते थे.

पीलीभीत के जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानाध्यापक को इसलिए निलंबित किया गया है क्योंकि वह छात्रों से राष्ट्रगान नहीं करवाता था. उन्होंने कहा, "प्रधानाध्यापक अगर छात्रों को कोई अन्य कविता पढ़ाना चाहते थे, तो उन्हें अनुमति लेनी चाहिए. अगर वह छात्रों से कोई कविता गान कराते हैं और राष्ट्रगान नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ आरोप बनता है."

निलंबित शिक्षक फुरकान अली ने इन आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने कहा, "छात्र लगातार राष्ट्रगान करते हैं और इकबाल की कविता कक्षा एक से आठ तक उर्दू पाठ्यक्रम का हिस्सा है. विहिप और हिंदू युवा वाहिनी कार्यकर्ताओं ने मुझे निकालने की मांग करते हुए स्कूल और कलेक्टरेट के बाहर विरोध किया. मैंने सिर्फ वह कविता बच्चों से बुलवाई है जो सरकारी स्कूल के पाठ्यक्रम का हिस्सा है. मेरे छात्र भी प्रतिदिन सभा के दौरान 'भारत माता की जय' जैसे देशभक्ति के नारे लगाते हैं."

पीलीभीत के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) देवेंद्र स्वरूप ने हालांकि कहा कि विहिप और बजरंग दल के सदस्यों की शिकायत इसके खिलाफ नहीं है कि राष्ट्रगान होता है या नहीं, बल्कि उसने इकबाल की कविता का विरोध किया गया है. विहिप के जिला प्रमुख अंबरीश मिश्रा ने कहा कि उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल में मदरसा की कविता को गाए जाने का विरोध किया था. उन्होंने कहा, "सरकारी स्कूल में अलग-अलग प्रार्थनाएं गाने के लिए हमने प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए बीएसए को लिखित शिकायत की है."

इकबाल की इस कविता के पूरे बोल इस तरह हैं.

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी

ज़िन्दगी शम्मा की सूरत है

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी

दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए

दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए

हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए

हो मेरे दम से यूं ही मेरे वतन की ज़ीनत

जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत

ज़िन्दगी मेरी हो परवान की सूरत या रब

इल्म की शम्मा से हो मुझको मुहब्बत या राब

हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना

दर्दमंदों से ज़ईफ़ो से मुहब्बत करना

मेरे अल्लाह बुराई से बचाना मुझको

नेक जो राह है उस रेह पर चलाना मुझको

आरएस/एमजे (आईएएनएस)

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