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कानून और न्याय

खेतों में मृत पाई गईं दलित लड़कियां 

चारु कार्तिकेय
१८ फ़रवरी २०२१

उत्तर प्रदेश के उन्नाव में दो दलित बहनों के शव खेतों में मिलने के बाद दलित महिलाओं के खिलाफ अपराधों को ले कर एक बार फिर तनाव पैदा हो गया है. परिवार ने दावा किया है कि लड़कियों के हाथ और पांव दुपट्टों से बांध दिए गए थे.

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Indien | Proteste in Neu-Delhi nach Tod eines Vergewaltigungsopfers
तस्वीर: Francis Mascarenhas/Reuters

दोनों बहनों में से एक 16 साल की थी और दूसरी 13 साल की. उनके शव के पास ही 17 साल की उनकी एक और बहन बेहोश हालत में पाई गई. उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया गया है लेकिन उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. परिवार का कहना है कि तीनों लड़कियां खेतों से घास लाने गई थीं पर जब कई घंटों तक नहीं लौटीं तो परिवार ने उन्हें खोजना शुरू किया और फिर खेतों में उन्हें पाया.

स्थानीय पुलिस ने परिवार के इस दावे की पुष्टि नहीं की है कि तीनों लड़कियों के हाथ-पैर बंधे हुए थे. पुलिस का कहना है कि पुलिस के पहुंचने के पहले ही तीनों को घटना-स्थल से हटा लिया गया था. पुलिस ने इस बात की पुष्टि जरूर की है कि डॉक्टरों ने बताया है कि तीनों के मुंह से सफेद झाग जैसा पदार्थ निकल रहा था और जहर दिए जाने के दूसरे लक्षण भी थे. इसके अलावा इस मामले से संबंधित और कोई जानकारी सामने नहीं आई है.

Indien I Proteste nach Vergewaltigung in Neu-Delhi
उन्नाव की घटना ने पिछले साल हाथरस में एक दलित लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले की याद दिला दी है.तस्वीर: Amarjeet Kumar Singh/SOPA/ZUMA/picture-alliance

स्थानीय मीडिया में आई रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि पीड़िताओं के परिवार के सदस्यों को स्थानीय प्रशासन ने नजरबंद कर दिया है जिसकी वजह से मीडियाकर्मी उनसे मिल नहीं पा रहे हैं. इस पूरे मामले ने पिछले साल उत्तर प्रदेश के हाथरस में 19 साल की एक लड़की के बलात्कार और हत्या के मामले की यादें ताजा कर दी हैं. हाथरस मामले की मीडिया में खबर आने के बाद पुलिस ने रातों-रात पीड़िता के शव का दाह-संस्कार कर दिया था, जिसके बाद प्रशासन के खिलाफ लोगों में नाराजगी बढ़ गई थी.

पूरे मामले पर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए थे, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इन प्रदर्शनों को एक अंतरराष्ट्रीय साजिश भी बताया था. कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था जिनमें एक पत्रकार और कुछ ऐक्टिविस्ट भी शामिल थे. इस बार भी उन्नाव की घटना को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. उन्नाव पहुंचे दलित नेता चंद्रशेखर आजाद ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

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