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कराची पीड़ितों को जर्मनी से हर्जाना

२५ अक्टूबर २०१२

जर्मनी में सस्ते कपड़ों के लिए मशहूर कंपनी किक कराची के आग पीड़ितों को हर्जाना देगी. किक ने कहा है कि वह फैक्ट्री में लगी आग में मारे गए लोगों के परिजनों को दस लाख यूरो देगी.

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तस्वीर: Getty Images

सितंबर में कराची की रेडीमेड कपड़ों की फैक्ट्री अली एंटरप्राइजेस में आग लगने के कारण 289 कर्मचारियों की मौत हो गई थी जबकि 110 घायल हो गए थे. इस फैक्ट्री में पश्चिमी दुकानों के लिए कपड़े बनाए जाते थे.

जर्मनी की पत्रिका डेयर श्पीगेल ने अपने ऑनलाइन संस्करण में मंगलवार को लिखा है कि किक चेन को यह कंपनी जीन्स बेचती थी. कंपनी ने कहा है कि वह कुल पांच लाख यूरो यानी पाकिस्तानी रुपये में छह करोड़ बाईस लाख के करीब मुआवजे में देगी.

लेकिन इसके बाद किक के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने लिखा है कि कंपनी ने यह रकम दुगनी कर दी है, वह कुल 10 लाख यूरो देगी.

उधर पाकिस्तान के नेशनल ट्रेड यूनियन फेडरेशन के अध्यक्ष नसीर मंसूर का कहना है कि उनके संगठन और कपड़ा फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों की बेहतर स्थिति के लिए काम करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन क्लीन क्लोथ्स कैंपेन ने मिल कर किक को मुआवजा बढ़ाने का दबाव डाला. "किक ने पहले पांच लाख यूरो की सहमति जताई थी अब वह और पांच लाख देंगे. "

मंसूर ने कहा कि किक पीड़ितों को मुआवजा देने पर तभी राजी हुआ जब कार्यकर्ताओं ने उन्हें इस बात के सबूत दिए कि आग लगने के दौरान उनके ओके ब्रैंड के लिए ही अधिकतर कपड़े बनाए जा रहे थे.

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तस्वीर: NDR

"हमने मर्चेंडाइज पर लगे लेबल देखे, बिल चेक किए, कर्मचारियों से बातचीत की और सुनिश्चित किया कि कम से कम 90 फीसदी कपड़ा किक के ओके ब्रैंड के लिए ही बनाया जा रहा था. हमने कंपनी से संपर्क किया और मुआवजे की मांग की. शुरुआत में उन्होंने मना किया लेकिन फिर सबूत देने पर माने." पाकिस्तान की सरकार ने 100 परिजनों को सात लाख रुपये का मुआवजा दिया लेकिन कई परिवारों को अभी भी चेक का इंतजार है. करीब दो हजार मजदूर बेरोजगार हो गए हैं.

29 साल के मोहम्मद खालिद कहते हैं, "आग के बाद से जिंदगी आजाब हो गई है. मुझे दो परिवारों की देखभाल करनी पड़ती है. लेकिन विकलांगता के कारण मुझे नौकरी ही नहीं मिलती." उनके परिवार को अभी तक स्थानीय सरकार से मुआवजे का इंतजार है. वह जर्मनी से मिलने वाले हर्जाने से बेहतर जिंदगी की उम्मीद कर रहे हैं. "हमारे परिवार के दोनों कमाऊ पुरुष कमा नहीं नहीं सकते. हमारे घर की महिलाओं और बच्चों को पैसा कमाना पड़ रहा है."

फैक्ट्री कंपनियों के तीन में से दो मालिकों पर हत्या के आरोप हैं. पिछले सप्ताह उनकी जमानत की याचिका खारिज कर दी गई और उन्हें फिर से हवालात में भेज दिया गया.

एएम/एमजे (एएफपी)

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