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कर्नाटक विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत 

आमिर अंसारी
९ दिसम्बर २०१९

कर्नाटक उपचुनाव में बीजेपी का शानदार प्रदर्शन. उपचुनाव में 15 में से 12 सीटों पर बीजेपी ने की जीत दर्ज. अब येदियुरप्पा चलाएंगे पूर्ण बहुमत के साथ राज्य सरकार.

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BS Yeddyurappa
तस्वीर: IANS

5 दिसंबर को हुई कर्नाटक विधानसभा की 15 सीटों के उपचुनाव में बीजेपी ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस को केवल 2 सीटों पर जीत मिली है. जबकि 2018 में इन 15 सीटों में 12 पर कांग्रेस विजयी रही थी.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के सरकार में बने रहने के यह जीत जरूरी थी. येदियुरप्पा की बीजेपी सरकार के लिए इन उपचुनावों के नतीजे इसलिए अहम थे क्योंकि सत्तारूढ़ पार्टी को 222 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए कम से कम 7 सीटें चाहिए थीं. कांग्रेस-जनता दल सेकुलर के कुल 17 विधायकों के इस्तीफे के चलते एचडी कुमारस्वामी की गठबंधन सरकार गिर गई थी.

उपचुनावों में जीत के साथ बीएस येदियुरप्पा ने राहत की सांस ली है, उन्होंने कहा, "हम अब अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और राज्य की जनता भी यही चाहती है. मुझे खुशी है कि जनता ने बहुत अच्छा फैसला सुनाया है. राज्य में हम अब स्थिर सरकार दे पाएंगे." 

222 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के अब 117 विधायक हो जाएंगे जो कि बहुमत से 5 अधिक है. जुलाई में बीजेपी ने 105 विधायकों के साथ ही सरकार बनाई थी. 15 विधायकों के चुनाव के बाद सदन की सदस्य संख्या 222 हो जाएगी, विधानसभा में बहुमत के लिए 112  विधायकों की जरूरत है. कर्नाटक उपचुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान कहा, "जनता ने चुनाव में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया था, लेकिन कांग्रेस ने पर्दे के पीछे से खेल करके बीजेपी को सरकार बनाने नहीं दी थी,  लेकिन आज जनता ने उन्हें सजा दी है."

उपचुनाव के नतीजों से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के नेता डीके शिवकुमार ने कहा, "हमने हार स्वीकार कर ली है, जनता ने दलबदलुओं को मंजूर कर लिया है." दूसरी ओर सिद्धारमैया ने कांग्रेस विधायक दल के पद से इस्तीफा दे दिया है. सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजने के बाद उन्होंने कहा, "विधायक दल का नेता होने के नाते मुझे लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए. जनता ने जो जनादेश दिया है मैं उसको स्वीकार करता हूं." हार की जिम्मेदारी लेते हुए कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से दिनेश गुंडु राव ने भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद राव ने कहा, "चुनौतियों के बावजूद मैंने अपनी जिम्मेदारी निभानी की कोशिश की. हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं."

इस उपचुनाव में जनता दल सेकुलर अपना खाता तक नहीं खोल पाया है. वहीं एक सीट पर निर्दलीय ने जीत हासिल की है. उपचुनाव के नतीजों के बाद विधानसभा में कांग्रेस के पास 68, जनता दल सेकुलर के पास 34 और तीन निर्दलीय विधायक हो गए हैं. कर्नाटक की कुल 17 रिक्त विधानसभा सीटों में से 15 सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव हुए थे, दो खाली सीटों को लेकर मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है, इसलिए इन दोनों सीटों पर मतदान नहीं हुए. 

2018 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थी. सबसे बड़ी पार्टी होने की वजह से सरकार बनाने का दावा पेश किया और सरकार बनी भी. येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने लेकिन 7 सीटें कम पड़ने की वजह से सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस की मदद से एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने. लेकिन 14 महीने के भीतर ही कुमारस्वामी की सरकार गिर गई. एक बार फिर येदियुरप्पा को पूर्ण बहुमत के साथ अगले साढ़े तीन साल सरकार चलाने का मौका मिल गया है. 

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