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"कुछ लोगों की वजह से हुसैन को बाहर रहना पड़ा"

९ जून २०११

भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सहित कई गणमान्य लोगों ने मशहूर कलाकार एमएफ हुसैन के निधन पर शोक जताया और साथ ही अफसोस जताया कि कुछ संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों की वजह से उन्हें बाहर रहना पड़ा.

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M.F. Husain, India's most famous artist, listens to Shah Rukh Khan, unseen, one of India's biggest movie stars, before they finished off a canvas they painted together, during a fund-raising auction in a central London's auction house, Thursday June 7, 2007. The pair, two of India's biggest cultural brands, painted the piece, that was to be sold in the auction along with other works by both established Indian masters and a newer generation of artists. (AP Photo/Lefteris Pitarakis)
तस्वीर: AP

राष्ट्रपति पाटिल ने अपने संदेश में कहा कि वह दुनिया भर में जाने जाने वाले कलाकार थे, जिनके असाधारण काम ने उन्हें बेहद लोकप्रिय बना दिया था. पाटिल ने कहा, "वह बहुआयामी व्यक्तित्व थे. उनके निधन से कला और सृजनात्मकता के क्षेत्र में बड़ी खाई पैदा होगी. वह सांसद भी थे और इस तरह से उन्होंने भारतीय संसद की भी शोभा बढ़ाई है."

उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी के मुताबिक 95 साल के हुसैन की मौत से भारत को बड़ा राष्ट्रीय नुकसान हुआ है. लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने कहा कि हुसैन के निधन से सृजनात्मकता के क्षेत्र में खालीपन आ गया है. अंसारी के मुताबिक, "ज्यादातर भारतीयों के लिए मॉर्डन आर्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले वही थे."

सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि यह सच है कि कुछ मुद्दों से उन्हें तकलीफ पहुंची लेकिन सरकार और कई गैरसरकारी संगठनों ने उन्हें मदद करने की कोशिश की. हुसैन पर भारत की अदालत में मुकदमे चल रहे थे और इसकी वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा. वह पांच साल से बाहर रह रहे थे.

सोनी का कहना है, "मुझे नहीं याद कि कितनी बार उन्हें भारत बुलाया गया. इस बात का अफसोस है कि संकीर्ण मानसिकता वाले कुछ लोगों ने कला को भी उसी नजर से देखा लेकिन भारत का बहुमत उनके साथ था." मंत्री ने नागरिकता बदलने के उनके फैसले के बारे में कहा कि इस संदर्भ में वह उनका इंटरव्यू भी सुन चुकी हैं और उन्हें लगता है कि हुसैन को हमेशा से भारत से प्यार रहा.

भारत में हुसैन के धुर विरोधी शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने भी उनकी मौत पर अफसोस जताया. ठाकरे ने कहा, "उनकी मौत से मॉर्डन आर्ट के क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. भगवान उनकी आत्मा को शांति दे." ठाकरे ने कहा कि मॉर्डन आर्ट के क्षेत्र में उन्हें महारत हासिल थी लेकिन हिंदु देवी देवातओं की तस्वीर बनाते हुए वह फिसल गए.

दूसरी तरफ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के राज ठाकरे ने कहा कि हुसैन के निधन के साथ ही उनकी पेंटिंगों से जुड़े विवाद भी खत्म हो जाएंगे. राज ने कहा, "हुसैन एक राष्ट्रीय अभिमान थे और उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. उनके निधन के साथ उनसे जुड़े सारे विवाद खत्म हो जाने चाहिए और उनके परिवार को यह अधिकार मिलना चाहिए कि वे भारत में उनका अंतिम संस्कार करें." खुद भी कार्टूनिस्ट के तौर पर साख जमा चुके राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के पंढरपुर में पैदा होने वाले हुसैन ने राज्य का सम्मान बहुत बढ़ाया.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः उभ

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