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कौन बनेंगी अमेरिका की फर्स्ट लेडी?

प्रिया एसेलबॉर्न३ नवम्बर २००८

मिशेल ओबामा या सिंडी मैक्केन- जब कुछ ही दिनों में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होंगे- तो इन में से एक अमेरिका की, यानी दुनिया के सबसे ताकतवर देश की, फ़र्स्ट लेडी बनेंगी.

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तस्वीर: AP / DW

चौवालिस साल की मिशेल ओबामा और उनसे दस साल बड़ी सिंडी मैक्केन - दोनों दो बिल्कुल भिन्न ऐसी महिलाएं हैं, अपनी भूमिका को भी भिन्न नज़रियों से देखतीं हैं. मिशेल ओबामा जानतीं हैं कि संघर्ष का मतलब क्या होता है. नाज़ के साथ वे बतातीं हैं कि अश्वेत होने का मतलब इक्कीसवीं सदी के अमेरिका में भी यही है कि लोगों के पूर्वाग्रहों से ऊपर उठना होता है. यही उन्होंने और उनके पति बाराक ने किया है. मिशेल बुद्धिमान और महत्वकांक्षी मानी जातीं हैं, बाराक की तरह लोगों को मुग्ध कर सकतीं हैं.

Barack Obama wird auf dem Parteitag der US-Demokraten zum Präsidentschaftskandidaten gekürt
तस्वीर: AP

शिकागो के एक ग़रीब माने जाने वाले इलाके में बचपन बिताने के बाद मिशेल ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की, जो देश के सबसे अच्छे विश्वविद्यालयों में से एक माना जाता है.

"मैंने अपना बचपन शिकागो के दक्षिण में बिताया. मेरे पिता एक बहुत ही परिश्रमी मजदूर थें. दिन रात काम करते हुए उनकी यही इच्छा रहती थी कि हम पढ़ाई कर सकें. तो, इस तरह मैं और मेरे भाई प्रिंसटन पहुँचे."

मिशेल ने मेहनत से पायी मान-मर्यादा

Parteitag der US-Demokraten in Denver, Michelle Obama mit ihrern Töchtern Sasha und MaliaParteitag der US-Demokraten in Denver, Michelle Obama mit ihrern Töchtern Sasha und Malia
तस्वीर: AP

कद से काफी लंबी मिशेल को शुरू से पता था कि वह अपने लिए मान-मर्यादा हासिल करना चाहतीं है. मेहनत कर वह एक सफल वकील बनतीं हैं और ऐसे में उनकी मुलाकात उनके पति बाराक से होती है. नस्लवाद के खिलाफ़ संघर्ष वे अपना फर्ज़ मानती हैं. इसी विषय पर उन्होंने अपना थीसिस भी लिखा था.

दूसरी ओर हैं सिंडी मैक्केन. सिंड़ी के पिता मजदूर नहीं, बल्कि एक सफल उद्योगपति थे. सिंड़ी शारीरिक या मानसिक बाधा वाले बच्चों के शिक्षणविज्ञान की पढ़ाई करती हैं. पिता के निधन के बाद उन्हें करीब दस कड़ोर डॉलर, यानी करीब पांच अरब रुपये की संपत्ति विरासत में मिली है और इस तरह वे अमेरिका की सबसे अमीर महिलाओं में से एक बन जाती हैं. जॉन मैक्केन उनसे अठारह साल बड़े हैं. कहा जाता है कि दुबली-पतली स्वर्णकेशी सिंडी के पैसों का और समाज के उच्च वर्गों के लोगों के साथ अच्छे संबंधों का जॉन का राजनौतिक सफ़र सहज बनने में बड़ा हाथ रहा है.

John und Cindy McCain 1998
तस्वीर: AP

"मेरे पिता वाकई में एक जैंटलमैन थे. शुरू में उनकी जेब में सिर्फ कुछ ही डॉलर हुआ करते थे. लेकिन, देखिए कि उन्होंने अपने परिवार के लिए क्या कुछ छोड़ा है!"

सिंडी ने किया पति के लिए त्याग

लग सकता है कि सिंडी का जीवन बहुत आसान रहा होगा. लेकिन, यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके पति जॉन को वियतनाम युद्ध में भाग लेना पड़ा था और उन्हें वियतनाम में युद्धबंदी के तौर पर पांच साल तक यातना भी सहनी पड़ी थी. इसकी वजह से वे अब भी अपनी बाहों को पूरी तरह उठा नहीं पाते. इस सदमे से उबरने में सिंडी की बड़ी भूमिका रही है. सिंडी और ज़ॉन के चार बच्चे हैं. सिंडी कई सहायता संस्थाओं के लिए भी में सक्रीय हैं. उन्होंने बांगलादेश की एक छोटी-सी लड़की को कुछ साल पहले गोद लिया है. परिवार सिंडी के लिए जीने का मकसद बन गया है, जिसकी वजह से वे गोलियाँ निगलने की लत और लकवे का आघात भी झेलने में सफल रही हैं.

"मैं राजनीति में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाना चाहतीं हूँ. लेकिन, बेशक मेरे पति और मैं इस बारे में बातें करते हैं और मैं उन्हें, जब भी वे ऐसा चाहते हैं, अपनी राय बताती हूँ."

सिंडी मैक्केन से बिल्कुल उलटी हैं दो लड़कियों की मां मिशेल ओबामा.

"मुझे ऐसा लगता है कि मेरी एक आवाज़ है. इसलिए मैं अपने पति को यह समझाना चाहती हूँ कि इस देश में परिवारों की क्या समस्याएं हैं."

दो पीढ़ियों की दो महिलाएं. दोनों को जीवन ने संघर्ष करना सिखाया है. दोनों पढ़ी-लिखी हैं. दोनों के बच्चे हैं और दोनों के स्टाइल की प्रशंसा की जाती है. साठ के दशक में जैकी कैनेडी या नब्बे के दशक में हिलेरी क्लिंटन की तरह सिंडी और मिशेल- दोनों देश पर अपनी छाप छोड़ सकती हैं. लेकिन, दोनो नहीं, एक ही बन सकती है अमेरिका की फ़र्स्ट लेडी.