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जानिए कौन हैं चांसलर पद के उम्मीदवार आर्मिन लाशेट

२० अप्रैल २०२१

जर्मनी की सत्ताधारी सीडीयू-सीएसयू पार्टी ने आर्मिन लाशेट को आम चुनाव से पहले चांसलर पद का उम्मीदवार चुना है. अंदरूनी सत्ता संघर्ष में लाशेट ने बवेरिया प्रांत के मुख्यमंत्री और सीएसयू प्रमुख मार्कुस जोएडर को पछाड़ दिया.

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Deutschland PK Armin Laschet Kanzlerkandidaten Union
आर्मिन लाशेट करेंगे सीडीयू-सीएसयू पार्टी का नेतृत्वतस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

जर्मनी की सबसे बड़ी पार्टी सीडीयू के अध्यक्ष होने के नाते सितंबर में होने वाले संसदीय चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करने और चांसलर उम्मीदवार बनने का आर्मिन लाशेट का दावा बहुत मजबूत था. लेकिन उन्हें सहोदर पार्टी सीएसयू के मार्कुस जोएडर से चुनौती मिल रही थी. जोएडर ने भी अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी थी और उन्हें सेंटर-राइट पार्टी दाएं बाजू के नेताओं का समर्थन भी मिल रहा था. आखिरी फैसला पार्टी की कार्यकारिणी में हुआ जहां उन्हें 77 प्रतिशत से ज्यादा नेताओं का समर्थन मिला. जोएडर ने सहोदर पार्टी के इस साफ फैसले को मान लिया.

हालांकि फिलहाल लाशेट देश के आम लोगों के बीच सर्वे में जोएडर से कम लोकप्रिय हैं, लेकिन सीडीयू-सीएसयू चुनावों में सबसे ज्यादा वोट पाती है, इसलिए चांसलर अंगेला मैर्केल के बाद देश की  बागडोर संभालने का लाशेट को दूसरे किसी और नेता से बेहतर मौका मिल गया है. चांसलर बनने से पहले मैर्केल खुद सीडीयू की अध्यक्ष और संसदीय दल की नेता थीं. आर्मिन लाशेट पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वो मैर्केल की विरासत को आगे ले जाएंगे और राजनीतिक सेंटर की राह पर मजबूती से चलेंगे. अब सवाल बस इतना है कि सितंबर में जर्मनी का सबसे उच्च पद पाने के लिए क्या यह काफी होगा?

Deutschland Markus Söder
सीडीयू के फैसले के बाद मार्कुस जोएडर ने छोड़ी उम्मीदतस्वीर: Peter Kneffel/REUTERS

मजदूर परिवार के हैं लाशेट

लाशेट एक खनिक के बेटे हैं और पेशे से वकील हैं. वो जर्मनी के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य नार्थ राइन वेस्टफेलिया के मुख्यमंत्री हैं, जो देश का औद्योगिक केंद्र भी है. लाशेट राज्य में काफी लोकप्रिय हैं लेकिन सेंटर-राइट को जीत दिलाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी लोकप्रियता बढ़ानी होगी. मंगलवार 20 अप्रैल को जोएडर के हार स्वीकार करने से पहले हुए सर्वेक्षणों में संकेत मिल रहे थे कि अगर चांसलर का सीधा चुनाव हुआ तो लाशेट कम लोकप्रिय विपक्षी पार्टियों के दावेदारों से भी हार जाएंगे.

आर्मिन लाशेट कैथोलिक हैं और तीन बच्चों के पिता हैं. शुरुआत में वो पत्रकार बनना चाहते थे लेकिन फिर वो प्रकाशन में चले गए और उसके बाद राजनीति में. वो जर्मन और यूरोपीय दोनों ही संसदों के सदस्य रह चुके हैं और फ्रेंच भाषा धाराप्रवाह बोल सकते हैं. अपने राज्य का मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने वहां कई मंत्री पद संभाले थे. सीडीयू में उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा जाता है जो टकराव की जगह सहमति बनाने में ज्यादा विश्वास रखता है.

Deutschland Armin Laschet fährt Karussell 2006
अपने प्रांत में लोकप्रिय हैं लाशेटतस्वीर: Kirsten Neumann/dpa/picture alliance

कोरोना पर नेतृत्व का संकट

इसका मतलब ये नहीं है कि वे राजनीतिक विवादों से कभी पीछे हटे हैं. उन्होंने 2015 में यूरोप के शरणार्थी संकट के दौरान करीब 10 लाख फंसे हुए लोगों को जर्मनी में शरण देने के मैर्केल के फैसले का मुखर रूप से समर्थन किया था. लेकिन हाल में, कोरोना वायरस संकट का सामना करने के उनके तरीकों की काफी आलोचना हुई है. उनके राज्य में कई बार गंभीर रूप से संक्रमण फैलने के बाद उन्हें एक मजबूत नेतृत्व का संकेत देने में जूझता हुआ पाया गया.

उन्होंने कई बार महामारी का सामना करने में अपने रुख को बदला भी. ओपिनियन चुनावों में उनके आंकड़े गिरने के पीछे यह एक मुख्य कारण रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में उन्होंने अपने सोशल मीडिया खातों पर महामारी के दौरान उनके द्वारा उठाए गए कदमों की खबरें डाली हैं. उन्होंने संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए एक "ब्रिज लॉकडाउन" की मांग की है ताकि लोगों में जिंदगी के सामान्य होने का भरोसा बना रहे.

सीके/एमजे (डीपीए) 

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