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क्या आपको पर्याप्त पोषण मिल रहा है?

३० मई २०१९

दिन में तीन बार खाना तो हर कोई खाता है लेकिन फिर भी ऐसा क्यों होता है कि कोई तंदुरुस्त रहता है और कोई बार बार बीमार होता चला जाता है. कहीं आपका खाना ही तो आपको बीमार नहीं कर रहा?

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Toastscheibe mit Totenkopf
तस्वीर: picture-alliance

हर उम्र में शरीर को अलग अलग तरह के पोषणा की जरूरत होती है और जब शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता, तो उसमें तमाम तरह के विकार आने लगते हैं, जो शारीरिक व मानसिक परेशानियों का कारण बनते हैं. पोषक तत्वों से न सिर्फ शरीर मजबूत होता है, बल्कि इससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता विकसित होती है. इसके लिए जरूरी है कि इस बात का आकलन किया जाए कि आप सही और पर्याप्त भोजन ले रहे हैं या नहीं.

नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलॉजी इंफोर्मेशन (एनसीबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक पोषण की कमी का खामियाजा सबसे अधिक बच्चे भुगतते हैं क्योंकि अपर्याप्त पोषण के कारण विकासशील देशों में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में से 45 फीसदी की मौत हो जाती है. एक व्यक्ति के लिए इस बात का आकलन काफी कठिन होता है कि उसे क्या खाना है और कितना खाना है. ऐसे कई साधन हैं, जिनके माध्यम से कोई भी यह जान सकता है कि उसे कब, क्या और कितना खाना है.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक पोषण की कमी के कारण शरीर कमजोर होता है और इस कारण बीमारियों का हमला होता है और ऐसे में दुनियाभर में हर साल करीब 60 लाख बच्चों की मौत हो जाती है.

कहीं रोटी और पराठा ही तो आपको बीमार नहीं कर रहा?

जयपुर के क्लिनिकल न्यूट्रीशनिस्ट, डाइटिशियन और 'हील यॉर बॉडी' के संस्थापक रजत त्रेहन का कहना है कि शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दैनिक आधार पर कुछ तय चीजें खानी होंगी. त्रेहन ने कहा, "प्रोटीन हमारे प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत रखते हैं. दुग्ध उत्पादों और अंडों में प्रोटीन होता है. इन्हें अपने भोजन में हर हाल में शामिल करना चाहिए. बीमारी फैलाने वाले कारकों से बचने के लिए विटामिन सी, ई और बीटा-केराटीन की हमें जरूरत होती है और इसी कारण इन्हें अपने भोजन में शामिल करना जरूरी है."

त्रेहन ने बताया कि हर व्यक्ति को रोजाना 4-5 लीटर पानी पीना चाहए. ऊर्जा के लिए जैतून के तेल, मछली, मेवे और फैटी एसिड युक्त भोजन लेना चाहिए. वसा में घुलनशील और पानी में घुलनशील विटामिन, आवश्यक खनिज जैसे लोहा, कैल्शियम, और पौधों से प्राप्त फाइटोकेमिकल्स लेने चाहिए जो हृदय रोगों, मधुमेह, कैंसर, गठिया, और ऑस्टियोपोरोसिस से सुरक्षा प्रदान करते हैं. साथ ही फल-सब्जियों का एक विविध आहार समावेशी अनाज, फलियां, और फैट फ्री मांस भी जरूरी हैं.

त्रेहन कहते हैं कि जीवन के विभिन्न चरणों में शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताएं बदल जाती हैं, "हमारे आहार में उम्र और अवस्था की परवाह किए बिना बहुत सारे पोषण-सघन खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए. एनसीबीआई के अनुसार जिन लोगों का आहार अलग-अलग होता है, उनकी प्रतिरक्षा क्षमता संतुलित आहार लेने वाले लोगों से 5 से 10 प्रतिशत तक कमजोर होती है. इसके अलावा व्यायाम करना कभी न भूलें. सप्ताह में पांच दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए."

आईएएनएस/आईबी

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