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क्या एर्दोवान का ब्रसेल्स दौरा नया शरणार्थी संकट दूर करेगा

९ मार्च २०२०

जब से तुर्की ने यूरोपीय संघ से लगी अपनी सीमा खोली है तुर्की और यूरोपीय संघ के रिश्ते अच्छे नहीं हैं. यूरोपीय संघ का कहना है कि वह तुर्की के दबाव में नहीं आएगा. क्या एर्दोवान के ब्रसेल्स दैरे पर मतभेद कम होंगे?

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Türkei Merkel mahnt bei Besuch in Istanbul Wissenschaftsfreiheit an
तस्वीर: Reuters/U. Betkas

तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच शरणार्थी समझौते पर चल रहे विवाद में अब दोनों ही पक्ष तनाव कम करने का नया प्रयास कर रहे हैं. तुर्क राष्ट्रपति एर्दोवान सोमवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लाएन और यूरोपीय मंत्रिपरिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल से मिल रहे हैं. यूरोपीय संघ के नेताओं की कोशिश होगी कि तुर्की 2016 में हुए समझौते पर अमल करे तो तुर्की की मांग है कि यूरोपीय संघ उसे और वित्तीय मदद दे. 2015 के शरणार्थी संकट के बाद ईयू ने तुर्की से समझौता किया था कि वह शरणार्थियों को यूरोप में घुसने से रोके और इसके बदले उसे अरबों यूरो की मदद देने की बात थी.

एर्दोवान के दांव से रिश्ते खराब

Brüssel | EU Gipfeltreffen: Ursula von der Leyen
उर्सुला फॉन डेय लाएनतस्वीर: Getty Images/AFP/J. Warnand

इस बीच सीरिया पर बढ़ते विवाद के बीच तुर्क राष्ट्रपति ने 29 फरवरी को यूरोप जाने वाले शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा खोलने की घोषणा कर दी. तब से दोनों पक्षों के रिश्ते खराब हो गए हैं. यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने एर्दोवान पर कई बार ब्लैकमेल की कोशिश करने और इसके लिए शरणार्थियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. साथ ही कुछ देशों ने शरणार्थियों की देखरेख में तुर्की की मदद करने के भी संकेत दिए हैं, लेकिन इस शर्त पर कि तुर्की पिछले समझौते का पालन करता रहे. चार्ल्स मिशेल पिछले हफ्ते अंकारा गए थे और वहां उन्होंने एर्दोवान से बातचीत की थी.

यूरोपीय नेताओं से एर्दोवान की मुलाकात से पहले ही ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल से मिल रहे हैं. मित्सोताकिस ने सख्त रवैया अपनाया है और सीमा को सील कर दिया है ताकि तुर्की से नए शरणार्थी ग्रीस के रास्ते यूरोप में प्रवेश नहीं कर सकें. जर्मन विदेश मंत्री हाइको मास ने तुर्की को मदद का संकेत देते हुए कहा है, "यदि शरणार्थियों की मानवीय मदद में कहीं वित्तीय कमी होगी, चाहे तुर्की में, इदलीब में, जटर्डन में या लेबनान में, हम बातचीत करने से कभी मना नहीं करेंगे." हाइको मास ने कहा कि परेशान लोगों को राजनैतिक बंधक के रूप में इस्तेमाल किए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा.

ग्रीस से सीमा खोलने की अपील

Griechenland: Kinder in Flüchtlingscamps
तस्वीर: Getty Images/L. Gouliamaki

तुर्की के राष्ट्रपति ने रविवार को ग्रीस से शरणार्थियों के लिए अपनी सीमा खोल देने की अपील की थी. उन्हें कहा, "हे ग्रीस, ये लोग तुम्हारे यहां रहने के लिए नहीं, ये तुम्हारे यहां आ रहे हैं और दूसरे यूरोपीय देशों में जा रहे हैं. इसमें तुम्हारी परेशानी क्या है? तुम अपने दरवाजे खोल दो ना." तुर्की और ग्रीस की सीमा पर स्थिति अब भी खराब है. ग्रीक मीडिया के अनुसार रविवार को तुर्की की ओर से हमले होते रहे. शरणार्थी तुर्की के इलाके में एक जंगल में रुके हुए हैं, कुछ लोग पजरकुले सीमा चौकी पर ग्रीस के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे हैं, ग्रीस की पुलिस बीच बीच में पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़ रही है

इस बीच यूरोपीय संघ ग्रीस के रिफ्यूजी कैंपों में रह रहे 1500 बच्चों को अपने यहां शरण देने पर विचार कर रहा है. जर्मन सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, "यूरोपीय स्तर पर इच्छुक देशों द्वारा इन बच्चों को अपने यहां शरण देने पर बातचीत हो रही है. जर्मनी उचित संख्या में बच्चों को लेने को तैयार है. जर्मनी की मोर्चा सरकार में शामिल पार्टियों के नेताओं के बीच 7 घंटे की बातचीत के बाद जारी बयान में कहा गया है कि जर्मनी ग्रीस के द्वीपों पर रह रहे बच्चों की मुश्किल मानवीय परिस्थिति में मदद करना चाहता है. शरणार्थी बच्चों को लेकर पिछले दिनों में चिंता बढ़ गई है कयोंकि या तो उन्हें चिकित्सीय मदद की जरूरत है या उनके साथ कोई बालिग अभिभावक नहीं है.

एमजे/सीके (एएफपी, डीपीए)

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