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समाज

क्या तनुश्री के आरोपों से भारत पहुंच गया #मीटू

८ अक्टूबर २०१८

साल भर पहले दुनिया में हलचल मचाने वाले #मीटू पर भारत में अब तक लगभग चुप्पी ही थी लेकिन अभिनेता नाना पाटेकर पर तनुश्री दत्ता के लगाए आरोपों के बाद कई महिलाएं यौन उत्पीड़न पर बोलने के लिए सामने आई हैं.

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Indische Schauspielerin Tanushri Dutta
तस्वीर: Getty Images/AFP/Raveendran

हाल के दिनों में बॉलीवुड के दूसरे कई लोग, एक कॉमेडियन, एक मशहूर लेखक और शीर्ष पत्रकार अपनी स्थिति का फायदा उठाने और महिलाओं के साथ अभद्र तरीके से पेश आने के आरोपों में घिरे हैं. बॉलीवुड में ऐसे मामले पहले भी सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार इस मुद्दे को चिंगारी दिखाई तनुश्री दत्ता ने. तनुश्री ने एक इंटरव्यू में आरोप लगाया कि 10 साल पहले नाना पाटेकर ने एक फिल्म के सेट पर उनके साथ अभद्र व्यवहार किया था. उनका कहना था कि उन्होंने उस वक्त भी इसकी चर्चा की थी लेकिन कुछ खास नहीं हुआ. इस वक्त जब पूरी दुनिया में #मीटू को लेकर चर्चा तेज है, जिसे देख कर इस बारे में सार्वजनिक रूप से बयान देने के लिए उन्हें हिम्मत मिली है. तनुश्री ने इस बारे में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. नाना पाटेकर ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है.

Indien Nana Patekar Bollywood Schauspieler
तस्वीर: Getty Images/G. Cattermole

तनुश्री दत्ता ने फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री पर भी 2005 में शूटिंग के दौरान अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया है. विवेक अग्निहोत्री के वकील ने इन दावों को झूठा करार दिया है. तनुश्री का यह भी आरोप है कि उन्हें धमकियां मिली हैं. हालांकि कई बड़े सितारे उनके बचाव में भी सामने आए हैं. साथ ही कई और अभिनत्रियों ने बॉलीवुड के इस स्याह पक्ष के बारे में बोलना शुरू कर दिया है.

हाल ही में हफिंग्टन पोस्ट इंडिया ने भी एक रिपोर्ट छापी है जिसमें फिल्म निर्देशक विकास बहल के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं. विकास बहल फैंटम फिल्म्स के चार संस्थापकों में से एक हैं. उनके क्रू के एक सदस्य ने आरोप लगाया है कि 2015 में विवेक नशे में धुत्त होने का बहाना कर उसके बिस्तर में घुस गए और बाद में जाग कर अनुचित हरकतें की. विवेक बहल के साथ क्वीन फिल्म में काम करने वाली कंगना रणौत ने भी विवेक के खिलाफ आरोप लगाए हैं. एक समाचार चैनल से बातचीत में कंगना ने कहा कि विवेक ने, "उनके गले में अपना चेहरा घुसा दिया और बहुत जोर से पकड़ लिया. मुझे उनकी पकड़ से छूटने के लिए बहुत जोर लगाना पड़ा."

फैंटम फिल्म्स के दो और संस्थापकों अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवानी ने ट्विटर पर एलान किया है कि वे इस प्रोडक्शन कंपनी को बंद कर रहे हैं. अनुराग कश्यप ने इसके बाद एक बयान भी जारी किया जिसमें कहा गया है कि वे पहले हरकत में नहीं आए क्योंकि कथित पीड़ित अब तक इस बारे में खुल कर बात नहीं कर रहे थे. अनुराग ने बताया है कि कंपनी ने आंतरिक रूप से भी बहल के खिलाफ कार्रवाई की है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है और कंपनी के दफ्तर में उनके आने पर रोक लगा दी गई है. बहल ने इन आरोपों पर अब तक कुछ नहीं कहा है.

दूसरी जगहों से भी पुरुषों के इस तरह के व्यवहार की खबरें आ रही हैं. मुंबई के कॉमेडियन उत्सव चक्रबर्ती के खिलाफ ट्वीटर पर आरोपों की झड़ी लगी हुई है. उन पर कई औरतों और लड़कियों ने गंदे मैसेज भेजने और उनसे अपनी टॉपलेस तस्वीरों की मांग करने का आरोप लगाया है. शुरुआती इनकार के बाद चक्रबर्ती ने ट्वीटर पर लिखा है कि मैं, "बिल्कुल वही शैतान बन गया जिससे लड़ने की मैं जीवन भर कोशिश करता रहा." चक्रबर्ती के खिलाफ पुलिस की तफ्तीश भी शुरू हो सकती है. 

Chetan Bhagat Indien Schriftsteller
तस्वीर: PRAKASH SINGH/AFP/Getty Images

एक महिला ने मशहूर लेखक चेतन भगत के साथ व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत को सार्वजनिक किया है. इसमें चेतन अपने शादीशुदा होने की वजह से उठाई जा रही आपत्तियों को खारिज कर रहे हैं. चेतन भगत ने स्क्रीन शॉट के जरिए सामने आई इस बातचीत की पुष्टि की है और फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट में लिखा है कि वो, "संबंधित महिला से सचमुच शर्मिंदा हैं". इसके साथ ही उन्होंने अपनी बीवी से भी माफी मांगी है.

इसी बीच, ऑनलाइन न्यूज साइट 'द वायर' ने भी एक रिपोर्ट छापी है जिसमें भारतीय मीडिया के स्याह चरित्र को उजागर करने की बात कही गई है. इसमें तीन अखबार संपादकों के खिलाफ आरोप हैं.

इन तमाम आरोपों के बावजूद स्वतंत्र पत्रकार रितुपर्णों चटर्जी ने ध्यान दिलाती हैं जो महिलाएं सामने आई हैं वो शहरी कुलीन अल्पसंख्यक वर्ग का हिस्सा हैं. उनका कहना है कि बड़ी संख्या में महिलाओं की जिंदगी अब भी भयानक है और उनके पास न्याय पाने के लिए ट्वीटर तक भी पहुंच नहीं है. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में रितुपर्णो चटर्जी ने कहा, "वे पूरे जीवन अपने परिचित पुरुषों, रिश्तेदारों और भरोसेमंद दोस्तों की शारीरिक और जुबानी हिंसा का सामना कर रही हैं. उनकी आवाज कहां सुनाई देती है? यह बहुत अहम है कि भारत का मीटू क्षण आ गया है, और यह हो रहा है लेकिन इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि उन आवाजों को भी ढूंढा जाए जो शहरी जगहों पर नहीं हैं."

2012 के निर्भया बलात्कार और हत्याकांड के बाद से ही भारत यौन हिंसा को लेकर दुनिया की नजरों में है.

एनआर/आईबी (एएफपी)

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