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खेल से जरिए तेल से दूर

१२ दिसम्बर २०१२

कतर कई साल से खेल को बढ़ावा दे रहा है और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मदद दे रहा है. अब उसने यह काम बेल्जियम में भी शुरू किया है. कोलोन खेल महाविद्यालय के प्रोफेसर युर्गन मिटाग इस कोशिश को शंका की नजर से देखते हैं.

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तस्वीर: AP

डॉयचे वेलेः बेल्जियम की दूसरी लीग की केएएस ऑइपन को कतर का एस्पायर जोन फाउंडेशन मदद कर रहा है. क्यों?

प्रोफेसर युर्गन मिटागः हम देख रहे हैं कि कतर ने पिछले सालों में काफी पैसे खिलाड़ियों और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए खर्च किए हैं. ताकि इस दिशा में वह उनके देश को विकसित कर सकें. हम देखते हैं कि किसी भी देश की ख्याति के लिए, उसे किसी खास चीज के साथ जोड़ने के लिए, उसकी ब्रैंडिंग के लिए खेल सबसे अच्छा माध्यम है. कतर अभी तेल से अपनी आजीविका कमाता है. लेकिन वह इससे बाहर निकलना चाहता है. ऐसा ही अनुभव हमारा पर्यटन और विमानन उद्योग के मामले में संयुक्त अरब अमीरात के देशों से भी रहा है. और अब कतर में भी दूसरे आधार के साथ आगे बढ़ने की कोशिश की जा रही है.

इस विकास को आप कैसे देखते हैं?

इसे थोड़ी दुविधा के साथ देखना चाहिए. एक ओर तो खेल का राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है, वह लोगों के फायदे के लिए है. इस हद तक मैं इसमें सकारात्मक महात्वाकांक्षा देखता हूं. वहीं दूसरी ओर अगर हम देखें कि जितना पैसा इसमें डाला जा रहा है, उस पर थोड़ा संदेह होता है कि यह किस तरह और कैसे हो रहा है.

लेकिन फुटबॉल में तो पैसा वैसे भी है?

लेकिन ये आयाम अभी तक से काफी बड़ा है. कतर में जो प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है, वह आयाम और उतना पैसा यूरोपीय देशों ने कभी इस्तेमाल नहीं किया. जो स्काउटिंग प्रोग्राम वो चलाते हैं जिसमें अफ्रीका, लातिन अमेरिका और एशिया के खिलाड़ी भी लिए जाते हैं और जिसके तहत अब ऑइपन की ओर भी देखा जा रहा है, वह व्यावसायिक फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए कितना अच्छा है इसको साफ नहीं देखा जा सकता. इसमें काफी बड़ी मात्रा में कृत्रिमता भी है.

Jürgen Mittag
प्रोफेसर युर्गन मिटागतस्वीर: DW/Lichtenberg

आप कहते हैं कि कतर खेल की संभावना का इस्तेमाल कर रहा है, इसके जरिए एक ट्रेंड बनाना चाहता है. ठीक उसी तरह जैसे रूस में तेल के बादशाह रोमान अब्रामोविच ने 10 साल पहले एफसी चेल्सी को खरीदा.लेकिन ऑयपेन में प्राथमिकता है प्रतिभाओं को मदद करने की, जो बिलकुल अलग बात है?

मूल रूप से आप कह सकते हैं कि फुटबॉल लोगों की रुचि का अहम केंद्र है. फुटबॉल इतना पसंद किया जाता है और इतनी आसानी से आप लोगों को साथ ला सकते हैं और अलग अलग तरह के लक्ष्य इसके जरिए पूरे किए जा सकते हैं. हम देख रहे हैं कि आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए फुटबॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरी मजबूती से कोशिश की जा रही है कि युवाओं को इससे मिलाया जाए और समाज की बाहरी सीमा पर अलग थलग खड़े वर्ग को इसके जरिए मुख्य धारा में लाया जाए. इसमें अच्छे नतीजे हैं. कतर के भी अपने हित हैं कि देश में खेल को बढ़ावा मिले. खेल के जरिए पर्यटन को बढ़ावा मिले और देश का विकास हो.

क्या ये 2022 में कतर में होने वाले फुटबॉल विश्व कप और बढ़ावा मिले खिलाड़ियों को राष्ट्रीयता देने से भी जुड़ा हुआ है?

खिलाड़ियों को कतर की नागरिकता लेने के लिए नहीं कहा जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं होगा यह भी नहीं. फीफा ने इस बारे में नियमों को कड़ा किया है. हमने एक दूसरे स्तर पर देखा कि अफ्रीका कप में इक्वेटोरियल गिनी सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों के साथ मैदान में उतरा. कतर, एक देश जहां सिर्फ 20 लाख लोग रहते हैं. यह देश खुद के दम पर एक राष्ट्रीय टीम नहीं खड़ी कर सकता. इसलिए एक उम्मीद तो है कि कुछ एक सालों में इन खिलाड़ियों में से किसी को वह अपनी टीम में शामिल कर सके.

इंटरव्यू: मिशाएल बोरगेस/ एएम

संपादन: महेश झा

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