गांधीजी की जिंदगी के 10 पड़ाव
70 साल से ज्यादा हो गए जब भरी सभा में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. उन्हें तो मार दिया गया, लेकिन क्या गांधी खत्म हो पाए. एक नजर भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इस नायक की जिंदगी के 10 अहम पड़ावों पर.
1869
दो अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म हुआ.
1883
घरवालों ने कस्तूरबा मानकजी से मोहनदास की शादी करा दी. शादी के समय दोनों की उम्र 13 साल थी. बाद में उनके चार बच्चे हुए. यह तस्वीर 1915 की है जब वे दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे.
1888-1891
यह वह समय था जब गांधीजी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की ताकि वह बैरिस्टर बन सकें. हालांकि परिवार वाले उन्हें इतनी दूर भेजने को तैयार नहीं थे.
1893-1915
गांधी को गांधी बनाने में उनके दक्षिण अफ्रीका प्रवास का अहम योगदान था जहां उन्होंने एक वकील के तौर पर जिंदगी शुरू की. यहीं 1913 में उन्होंने पहला अहिंसक आंदोलन किया.
1922
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में नैतिकता का स्तंभ बनने के बाद गांधी ने ब्रिटिश राज के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ा. उन्हें गिरफ्तार किया गया और वे दो साल जेल में रहे.
1930
उन्होंने ब्रिटिश सरकार के नमक कानून के खिलाफ अहिंसक मार्च निकाला. अहमदाबाद में अपने आश्रम से पैदल 350 किलोमीटर का सफर तय कर वह दांड़ी तक गए. उन्हें दस हजार लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया.
1932
जेल में उन्होंने "अछूतों" के लिए अलग से चुनाव क्षेत्र रखने की योजना के खिलाफ आमरण अनशन किया. वह अनशन को कई बार हथियार की तरह इस्तेमाल करते थे.
1942
उन्होंने 'अंग्रजो भारत छोड़ो' आंदोलन का बिगुल बजाया. उन्हें गिरफ्तार किया गया और 1944 तक जेल में रखा गया. गां
1947
भारत को अंग्रेजी राज से आजादी मिली. गांधी नहीं चाहते थे कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो. लेकिन सांप्रदायिक दंगों के बीच उन्होंने दिल पर पत्थर रख कर आखिर इसे स्वीकार किया.
1948
नई दिल्ली में एक प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी. उनकी यात्रा में बीस लाख लोगों ने हिस्सा लिया.