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गोल हो गया है इंसान का दिमाग

२६ जनवरी २०१८

होमो सेपियंस और दूसरे जीवाश्मों की तुलना कर वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इंसान का दिमाग पहले लंबा होता था जो अब ज्यादा गोल होने लगा है. बदलाव सिर्फ आकृति में नहीं है बल्कि इसके कारण दिमाग के कई काम भी बदल गए हैं.

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Junge Frau mit schmerzverzerrtem Gesicht haelt sich die Ohren zu
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Thomas

वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने होमो सेपिएंस के जीवाश्म के 20 नमूनों का विश्लेषण करने के बाद कुछ नतीजे निकाले हैं. कार्बन डेटिंग के आधार पर इन नमूनों की आयु 3 लाख वर्ष बताई गई है. दिमाग का आकार तो लगभग उतना ही है लेकिन उसकी आकृति बदल गई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक पिछले 1 लाख से लेकर 35000 वर्ष के बीच के दौर में बदलाव हुए जिसके नतीजे में इंसान का दिमाग धीरे धीरे बदलते हुए मौजूदा आकृति तक पहुंचा है.

जर्मनी के मार्क्स प्लांक इंस्टीट्यूट ऑफ इवॉल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी की मानवविज्ञानी सिमोने नॉयबॉवर का कहना है कि दिमाग के गोल होने की वजह है पार्श्विक हिस्से और अनुमस्तिष्क यानी सेरिबैलम का उभरना. मशहूर जर्नल साइंस एडवांसेज में इसके बारे में एक रिसर्च का नतीजा छपा है. इस रिसर्च का नेतृत्व प्रोफेसर नॉयबॉवर ने ही किया है. नॉयबॉवर ने कहा, "पार्श्विक हिस्सा एक महत्वपूर्ण धुरी है जहां मस्तिष्क के अलग अलग हिस्से मिलते हैं और यह अनुकूलन, ध्यान जैसे और कई अहम कामों से जुड़ा है. सेरिबैलम मोटर से जुड़े कामों जैसे गतिविधियों का संयोजन और संतुलन के साथ ही सक्रिय याददाश्त, भाषा, सामाजिक अनुभूति और भावनात्मक प्रक्रियाओं से जुड़ा है."

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तस्वीर: picture-alliance/dpa/White Cube

नॉयबॉवर का कहना है कि दिमाग आज के इंसान में जन्म के बाद के कुछ महीनों में गोलाकार रुप से विकसित होता दिखता है. इंसान के दिमाग का मौजूदा आकार में परिवर्तन पुरातात्विक प्रमाणों से जो परिवर्तन के संकेत मिलते हैं उसके अनुरूप ही है. इसके मुताबिक यह परिवर्तन 40 से 50 हजार साल पहले हुए. इन्हें इंसानी बर्ताव के आधुनिकीकरण का संपूर्ण समूह कहा जाता है. इनमें प्रतीकों का जोड़तोड़ और काल्पनिक विचार जैसे कि कला, रचना, सजावट, रंगों का इस्तेमाल, मृत लोगों का अंतिम संस्कार, कई उपकरणों वाले जटिल यंत्र, हड्डियों की कलाकृतियां जैसे काम शामिल हैं.

इससे पहले होमो सेपियंस का सबसे पुराना जीवाश्म मोरक्को में मिला था और उसकी उम्र 3 लाख साल बताई गई. इसके साथ ही इथियोपिया से भी एक जीवाश्म मिला जिसकी उम्र 195000 साल थी. इन सबके दिमाग लंबे थे, निएंडरथाल मानव की तरह. निएंडरथाल हमारे सबसे नजदीकी पूर्वज हैं जो करीब 10 हजार साल पहले लुप्त हो गए. इसके बाद के इंसान का दिमाग गोल होता चला गया.

नॉयबॉवर के मुताबिक रिसर्च यह दिखाती है कि होमो सेपियंस एक विकासशील जीव है जिसकी अफ्रीकी जड़ें काफी गहरी हैं और जिसमें लंबे समय से लगातार परिवर्तन हो रहे हैं.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)