1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ग्रीस ने मैर्केल से उठाया नाजीकाल के प्रायश्चित का मुद्दा

११ जनवरी २०१९

ग्रीक राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपुलोस ने कहा है कि वह दूसरे विश्व युद्ध के समय नाजी कब्जे के लिए जर्मनी से हर्जाने की मांग करना नहीं छोड़ेंगे. इस समय जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल दो दिनों की ग्रीस यात्रा पर हैं.

https://p.dw.com/p/3BOLr
Griechenland, Athen: Staatsbesuch Angela Merkel und Prokopis Pavlopoulos
तस्वीर: Reuters/A. Konstantinidis

ग्रीस का कहना है कि उसके पास जर्मनी से हर्जाना मांगने का वैध आधार है और वह दूसरे विश्व युद्ध में नाजी कब्जे के समय ग्रीस पर ढाए गए अत्याचारों के प्रायश्चित के तौर पर अरबों यूरो का दावा बरकरार रखेगा.

ग्रीस के ऐसे दावों को जर्मनी खारिज करता आया था. लेकिन इस बार मैर्केल की ग्रीस यात्रा पर जब ग्रीक राष्ट्रपति ने उनके सामने यह मुद्दा उठाया तो चांसलर मैर्केल ने कहा, "हमें अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी का अहसास है. हम जानते हैं कि नेशनल सोशलिज्म के दौर में जर्मनी के हाथों ग्रीस को कितना भुगतना पड़ा. हमारे लिए उससे यही सबक है कि हम ग्रीस के साथ अच्छे संबंध बनाने के लिए सब संभव काम करें और एक दूसरे के फायदे के लिए हमेशा परस्पर सहयोग करें."

ग्रीक राष्ट्रपति पावलोपुलोस ने कहा, "ग्रीक होने के नाते, हम इन मांगों को वैधानिक रूप से सक्रिय मानते हैं और (जरूरत पड़ने पर) न्यायिक तौर पर भी इन्हें आगे बढ़ा सकते हैं. इन दावों को किसी काबिल यूरोपीय न्यायिक फोरम में उठाया जाना चाहिए."

दूसरे विश्व युद्ध के समय के प्रायश्चितों का मुद्दा 2010 से 2018 तक चले ग्रीक बेलआउट पैकेज के दौर में उठता रहा. आर्थिक तंगी से गुजर रहे ग्रीस ने उसे सबसे ज्यादा कर्ज देने वाले देश जर्मनी को ही अपनी तंगहाली के लिए जिम्मेदार भी बताया था.

जर्मनी नाजी काल में किए गए अन्यायों के लिए माफी मांग चुका है लेकिन प्रायश्चित के लिए ऐसी कोई रकम देने के विषय पर कोई बात नहीं की है. जर्मनी नहीं मानता कि उसे ग्रीस को और कुछ देना बाकी है. सन 1960 में जर्मनी ने ग्रीस को 11.5 करोड़ जर्मन मार्क दिए थे. और 1990 में जर्मन एकीकरण के समय एक ऐसी संधि हुई थी जिसमें भविष्य में जर्मनी पर किसी भी तरह का हर्जाना भरने की जिम्मेदारी नहीं रही थी. 

हिटलर की सेनाओं ने सन 1941 से 1944 तक ग्रीस पर कब्जा कर रखा था. उसने ग्रीस से "ऑक्यूपेशन लोन" के नाम पर पैसे लिए, जिसका इस्तेमाल उत्तरी अफ्रीका में उसने अपने अभियानों में किया. तब मंहगाई इतनी बढ़ गई थी कि ग्रीस में लाखों लोग भूख के चलते मारे गए. कुल मिलाकर ग्रीस ने उस समय के हिसाब से 47.6 करोड़ राइष मार्क दिए थे, जिसका मोल 6 से 10 अरब यूरो के आसपास रहा होगा. एक ग्रीक संसदीय समिति ने तीन साल पहले रिपोर्ट जारी कर उस रकम को आज के 289 अरब यूरो के आसपास बताया था.

आरपी/एके (रॉयटर्स, डीपीए)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी