ग्रेट बैरियर रीफ में भयानक ब्लीचिंग
ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के कोरल, ब्लीच के भयानक खतरे का सामना कर रहे हैं. वैज्ञानिकों के सर्वे में शामिल इलाके के 73 फीसदी कोरल को भारी नुकसान हुआ है.
ग्रेट बैरियर रीफ का सर्वे
वैज्ञानिकों ने हवाई सर्वे में 1,000 रीफ को देखा जिसमें 730 रीफ में ब्लीच नजर आया. ब्लीच की मात्रा 90 फीसदी से ज्यादा है. ऑस्ट्रेलिया के रीफ प्रशासन के मुताबिक यह ब्लीच इस रीफ के पूरे विस्तार में नजर आया है.
क्या है कोरल रीफ
कोरल दूसरे जीवों की तरह छोटे समुद्री जीव हैं. ये छोटे छोटे जीव कुछ खास समुद्री इलाकों में अपनी जड़ें जमा कर बैठते हैं और एक दूसरे से जंगल के पेड़ों की तरह जुड़ कर रीफ बनाते हैं. ये अपनी सुरक्षा के लिए अपने आस पास सख्त ढांचे तैयार करते हैं जो चूना पत्थर जैसे होते हैं.
कोरल के भूखे मरने का खतरा
कोरल रीफ का भोजन हैं कवक. अलग अलग तरह के कवक इनके लिए आहार बनते हैं. समुद्र का तापमान बढ़ने और प्रदूषण से कवकों में कमी आती है तो कोरल भूखे रह जाते हैं. उनका रंग सफेद पड़ कर पारदर्शी हो जाता है और उनके मरने का खतरा पैदा हो जाता है. इसी को ब्लीचिंग कहा जाता है.
जैव विविधता के लिए खतरा
समुद्र के सिर्फ एक प्रतिशत इलाके में कोरल रीफ का विस्तार है. जबकि दुनिया के 25 फीसदी समुद्री प्रजातियों को कोरल के इलाके में घर मिलता है. जाहिर है कि अगर समुद्र के नीचे का यह जंगल खत्म हो गया तो जीवों का बसेरा उजड़ जाएगा.
ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर कोरल रीफ
ऑस्ट्रेलिया के ग्रैट बैरियर रीफ को दुनिया की सबसे विशाल जीवित संरचना भी कहा जाता है. यह 2,300 किलोमीटर के इलाके में फैला हुआ है. इसमें 600 से ज्यादा कोरल के प्रकार और 1,625 मछलियों की प्रजातियां हैं.
कब होती है ब्लीचिंग
पानी का तापमान अत्यधिक बढ़ने पर कोरल अपना अस्तित्व बचाने के लिए सूक्ष्म कवकों को बाहर निकालते हैं. अगर ऊंचा तापमान बना रहे तो कोरल सफेद हो कर मर जाते हैं.
पहले से बहुत ज्यादा खतरे में है रीफ
इसी साल की गर्मियों में सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट में 46 फीसदी रीफ में अत्यधिक गर्मी की वजह से दबाव की बात की गई थी. इससे पहले 2016 में केवल 20 फीसदी रीफ ही दबाव झेल रहे थे. पिछले 8 सालों में यह पांचवां मौका है जब बड़े पैमाने पर रीफ ब्लीचिंग झेल रहे हैं.
कैसे बचेंगे कोरल
विशेषज्ञों ने कोरल की ब्लीचिंग रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है. इसमें वैश्विक उत्सर्जन को घटाने के साथ ही स्थानीय पुनर्वास परियोजनाओं को बढ़ाना शामिल है.
क्या कर रहा है ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया ने पानी की गुणवत्ता सुधारने, जलवायु परिवर्तन के असर को घटाने और खतरे का सामना कर रही प्रजातियों को बचाने पर करीब 3.2 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. हालांकि यह देश गैस और कोयले के सबसे बड़े निर्यातकों में है और इसने कार्बन न्यूट्रल बनने का लक्ष्य हाल ही में तय किया है.