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चांसलर ने कहा परमाणु कचरे का निर्यात नहीं

५ जनवरी २०१३

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने जर्मनी के परमाणु कचरे को विदेशों में रखने की अटकलों को ठुकरा दिया है. एक रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई थी कि सरकार कानून में बदलाव करने जा रही है जिसके बाद ऐसा संभव होगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

एक जर्मन अखबार ने खबर दी थी कि यूरोपीय संघ के नियमों को लागू करने की प्रक्रिया में जर्मन सरकार परमाणु कानून में एक वाक्य जोड़ने जा रही है. इसके बाद परमाणु कचरे को अंतिम रूप से किसी विदेशी भंडार में रखना संभव होता. इसके लिए दूसरे किसी देश के साथ द्विपक्षीय समझौता जरूरी होता जो रेडियोधर्मी कचरा लेने को तैयार हो. पर्यावरण संगठनों और परमाणु ऊर्जा विरोधियों ने इस पर नाराजगी का इजहार किया और आरोप लगाया कि सरकार उस सहमति को तोड़ रही है जिसमें जर्मन बिजलीघरों में पैदा हुए कचरे को जर्मनी में रखने की बात थी.

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अंतरिम गोदाम में अल्टमायर और विपक्षी नेता गाब्रिएलतस्वीर: dapd

जर्मनी में अब परमाणु बिजली घरों में इस्तेमाल के बाद बचने वाले कचरे को अंतिम रूप से रखने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है. ऐसी कोई जगह नहीं चुनी गई है जहां इस जहरीले कचरे को अनिश्चित काल के लिए रखा जा सके. अब तक कचरे को अंतरिम गोदाम में रखा जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोग उसे स्थायी गोदाम बनाने का विरोध कर रहे हैं.

चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस रिपोर्ट के बाद छिड़ी बहस के बीच कहा है कि जर्मन सरकार का इरादा यह है कि "हम अपने कचरे को अपने ही यहां रखें." उन्होंने कहा कि यह इरादा बहुत ही पक्का है जो विदेशों में परिष्करण के बाद बचे कचरे को वापस लाने के प्रयासों में भी दिखता है. चांसलर ने उम्मीद जताई की लोवर सेक्सनी में होने वाले चुनावों के बाद परमाणु कचरे के स्थायी गोदाम के बारे में जल्द फैसला हो पाएगा. चांसलर के प्रवक्ता श्टेफान जाइबर्ट ने कहा कि जर्मनी उस यूरोपीय नियम को परमाणु कानून में शामिल करने को बाध्य है, लेकिन उसकी उसका इस्तेमाल करने की कोई योजना नहीं है.

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नमक की पुरानी खान में परमाणु कचरातस्वीर: dapd

यूरोपीय संघ की परमाणु कचरे को निबटाने की नीति को विवादास्पद बहस के बाद जुलाई 2011 में मंत्रियों की परिषद ने पास कर दिया था. यूरोपीय आयोग द्वारा पेश मसौदे में रेडियोधर्मी कचरे को यूरोपीय संघ से बाहर भेजने पर रोक थी. लेकिन उसके लिए यूरोपीय परिषद में बहुमत नहीं मिला. इसलिए कचरे के निर्यात को उसे निबटाने की संभावना के रूप में नियमों में शामिल कर लिया गया. अधिकारी इसे उन देशों के लिए एक संभावना बता रहे हैं जो अपने इलाके पर कोई परमाणु गोदाम नहीं बना सकते.

जर्मनी में सालों से परमाणु कचरे को रखने के लिए स्थायी गोदाम पर बहस चल रही है. नवंबर 2011 में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच स्थायी गोदाम की खोज के लिए नए सिरे से शुरू करने पर सहमति हुई थी. लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. जर्मन पर्यावरण मंत्री पेटर अल्टमायर को अभी भी भरोसा है कि 2030 तक राष्ट्रीय गोदाम बनाने के आश्वासन को पूरा किया जा सकेगा. उन्होंने लोवर सेक्सनी के चुनाव के बाद 20 जनवरी को एसपीडी और ग्रीन पार्टियों के साथ इस संबंध में बातचीत शुरू करने का अपना इरादा दोहराया है.

एमजे/ओएसजे (डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी)

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