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चेतावनी के बावजूद बिटकॉइन में रिकॉर्ड उछाल

ओंकार सिंह जनौटी
९ दिसम्बर २०१७

बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी, कोई कहता है कि इनमें निवेश हजारों गुना फायदेमंद है. लेकिन चीन के बाद अब भारत के शीर्ष बैंक ने भी इस मुद्रा को लेकर चेतावनी दी है.

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Symbolbild Bitcoin
तस्वीर: Imago/Imagebroker/M. Weber

चीन के पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के डिप्टी गवर्नर पान गोंगशेंग ने बिटकॉइन में निवेश करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, "एक दिन आप देखेंगे कि बिटकॉइन की डेड बॉडी आपके सामने तैर रही होगी और हम सिर्फ नदी के किनारे खड़े होकर उसे देख रहे होंगे." चीन के सेंट्रल बैंक की सख्त चेतावनी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने भी निवेशकों को बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी के प्रति आगाह किया है.

रिजर्व बैंक ने चेतावनी देते हुए कहा, "यूजर्स, होल्डर्स और कारोबारी बिटकॉइन समेत बाकी आभासी मुद्र के प्रति सजग रहें. ऐसी आभासी मुद्राओं से आर्थिक, वित्तीय, ऑपरेशनल, कानूनी, कस्टमर प्रोटेक्शन और सिक्योरिटी संबंधी जोखिम जुड़ा होता है." भारतीय रिजर्व बैंक ने तीसरी बार ऐसी चेतावनी दी है.

बढ़ रही है बिटकॉइन की लोकप्रियता

आभासी मुद्रा से अमीर बनने की कोशिश में रूस

भारतीय अखबार क्वार्ट्ज के मुताबिक इस साल बिटकॉइन की कीमत में 1,000 फीसदी से ज्यादा उछाल आया. एक नवंबर 2017 को बिटकॉइन की वैल्यू 4.55 लाख रुपये थी. दिसंबर की शुरुआत में यह वैल्यू 9 लाख के पार हो गयी. इस उछाल के चलते कई लोग बिटकॉइन में निवेश करने के लिए टूट पड़े. उत्तर प्रदेश में तो बिटकॉइन के नाम पर ठगी के मामले भी सामने आ रहे हैं. लखनऊ में पीतल के भी लिखे हुए सिक्कों को बिटकॉइन बताकर बेचने के मामले की जांच चल रही है.

एशिया के दूसरे देश भी बिटकॉइन को लेकर अलार्म बजा रहे हैं. बांग्लादेश और इंडोनेशिया के सेंट्रल बैंक ने बिटकॉइन से भुगतान पर रोक लगा दी है. सितंबर में चीन बिटकॉइन एक्सचेंज को बंद कर चुका है. यूरोपियन सेंट्रल बैंक लोगों को बिटकॉइन में निवेश के प्रति चेतावनी दी है. रूस, जर्मनी और फ्रांस ने लोगों से कह दिया है कि यह जोखिम भरी अंधेरी दुनिया है. लेकिन इस सब चेतावनियों के बावजूद दिसंबर 2017 के पहले हफ्ते मे ही बिटकॉइन की मॉर्केट वैल्यू 14,000 डॉलर के पार जा चुकी है. स्लोवेनिया की एक फर्म बिटकॉइन हैकिंग का शिकार हुई है. फर्म को 6.2 करोड़ डॉलर की चपत लगी.

क्या हैं बिटकॉइन

बिटकॉइन असल में इंटरनेट पर मौजूद एक आभासी मुद्रा है. नोटों और सिक्कों के उलट इसे पर्स या जेब में रखने की जरूरत नहीं पड़ती. आम तौर पर मुद्रा को सरकारें या केंद्रीय बैंक छापती हैं, लेकिन बिटकॉइन सरकारों और बैंकों के नियंत्रण के परे है. फिलहाल एक्सपेडिया और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों समेत कुछ ही कंपनियां बिटकॉइन स्वीकार कर रही हैं. लेकिन बिटकॉइन का चलन बढ़ता दिख रहा है. ज्यादातर लोग फायदेमंद निवेश के लिए बिटकॉइन खरीद और बेच रहे हैं.

हांग कांग बिटकॉइन एसोसिएशन के अध्यक्ष लियोनहार्ड वीस के मुताबिक, लोगों का लालच और बिटकॉइन खत्म हो जाने के डर से ही इस आभासी मुद्रा की वैल्यू बढ़ा रहा है.

बिटकॉइन एक जटिल कंप्यूटर प्रक्रिया के जरिये तैयार होते हैं. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहा जाता है. माइनिंग कोई एक कंप्यूटर नहीं करता है बल्कि दुनिया भर में मौजूद कंप्यूटर नेटवर्क के जरिये इसे किया जाता है. औसतन हर दिन 3,600 नए बिटकॉइन तैयार होते हैं. अब तक दुनिया भर में एक करोड़ पैंसठ लाख बिटकॉइन जारी हो चुके हैं. दो करोड़ दस लाख की लिमिट पर पहुंचने के बाद नए बिटकॉइन रिलीज नहीं होंगे.

(सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार वाले देश)