जर्मन कंपनियों पर विदेशी कब्जा रोकने का नया उपाय
५ फ़रवरी २०१९कई जर्मन कंपनियों का अधिग्रहण करती जा रही चीनी कंपनियों पर देश में चिंता जताई जाने लगी है. अब तक चीनी या किसी अन्य बाहरी कंपनी द्वारा जर्मन कंपनी के 'होस्टाइल' अधिग्रहण को रोकने के लिए कोई राष्ट्रव्यापी नीति नहीं थी. अब सरकार किसी खास तकनीक पर काम करने वाली किसी जर्मन कंपनी को बाहरी खरीदारों से बचाने के लिए खुद निवेशक बन कर उसे खरीदने की व्यवस्था करना चाहती है.
अपनी "राष्ट्रीय औद्योगिक रणनीति 2030" में जर्मन वित्त मंत्री ने बताया है कि देश में एक "होल्डिंग फेसिलिटी" बनाने की जरूरत है, जो ऐसे अधिग्रहणों की स्थिति में कार्रवाई कर सके. आल्टमायर ने कहा, "कुछ बेहद अहम मामलों में सरकार इस तरह का कदम उठा सकती है कि कुछ समय के लिए वह कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण कर ले."
ऐसी नीति जर्मनी की परंपरागत आर्थिक सोच से काफी अलग दिख रही है, जो बाजारों में कम से कम सरकारी हस्तक्षेप की रही है. माना जा रहा है कि जर्मनी के प्रमुख रोबोट निर्माता कूका के एक चीनी कंपनी द्वारा अधिग्रहण के बाद से ही ऐसे कदमों की जरूरत महसूस की जा रही थी. सन 2016 में चीन की मीडिया नाम की कंपनी ने बवेरिया की इंडस्ट्रियल रोबोट बनाने वाली कंपनी कूका का अधिग्रहण किया था, जिसके बाद से जर्मन राजनेता ऐसे सौदों को लेकर काफी सजग हो गए है- खासकर जब खरीदार चीनी पृष्ठभूमि का हो.
हालांकि इस रणनीति के बारे में बात करते समय वित्त मंत्री ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया, केवल कुछ राष्ट्रों के आक्रामक रवैये की बात उठाई. हाल ही में जब चीन के सरकारी स्वामित्व वाली एक बिजली नेटवर्क ऑपरेटर कंपनी ने जर्मन कंपनी 50हेर्त्स के अधिग्रहण की कोशिश की, तो बर्लिन ने उसकी राह में मुश्किलें बढ़ा दीं. ऊर्जा, रक्षा और टेलीकॉम जैसे अहम क्षेत्रों में कार्यरत कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी पाने की विदेशी कोशिशों को बर्लिन में ब्लॉक किया जा रहा है.
आल्टमायर का कहना है कि एशिया, अमेरिका और यूरोप के बीच प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने के लिए जर्मनी को "राष्ट्रीय और यूरोपीय चैंपियन" बनने की जरूरत है.
अब इस रणनीति पर वित्त मंत्री अन्य राजनेताओं, कंपनियों संघों और ट्रेड यूनियनों के साथ चर्चा करेंगे. सबके साथ बातचीत के बाद मिलने वाले सुझावों को शामिल कर "राष्ट्रीय औद्योगिक रणनीति 2030" की अंतिम रूपरेखा तैयार होगी, जिसे केंद्र सरकार के समर्थन के बाद लागू किया जा सकेगा.
आरपी/ओएसजे (डीपीए, एएफपी)