जर्मन चिड़ियाघर के नए मेहमान
चिड़ियाघर में रहने वाले जानवरों के बच्चे भले ही एक तरह की कैद में दुनिया में आते हों, लेकिन वो होते उतने ही प्यारे हैं. आइए मिलते हैं हाल ही में जर्मन जू में पैदा हुए नन्हें मेहमानों से.
नटखट रीके
ओरांगउटान का बच्चा रीके बर्लिन के जू में पैदा हुआ. यह प्रजाति इंडोनेशिया और मलेशिया के वर्षावनों में पाई जाती हैं. उनके प्राकृतिक निवास को पाम ऑयल की खेती से काफी नुकसान पहुंचा है. इसके चलते अब वे खतरे में पड़ गए हैं.
पसंद है कैमरा
यह उत्सुक सा दिखने वाला ब्राजिलियन तापीर फोटोग्राफर के कैमरे पर भी नाक लगा रहा है. माग्देबुर्ग के जू में पैदा हुआ तापीर इस फोटो के समय केवल दो हफ्ते का था.
रोएंदार पशु
ड्रेसडेन के जू में काम करने वालों ने चार लाल बेबी पांडा का स्वागत किया. यह छोटे पांडा दिखने में रकून जैसे लगते हैं लेकिन बांस के लिए इनका प्यार विशाल पांडा जैसा होता है. लाल रोएं इन्हें पेड़ में छुपने में मदद करते हैं.
आधा किलो शुद्ध प्यार
इस बेबी कोआला का वजन जन्म के छह माह बाद भी केवल 580 ग्राम ही था. जर्मनी के डुइसबर्ग चिड़ियाघर में पैदा हुई मादा कोआला देखने वालों का मन मोह लेती है.
भौंकने का कॉन्सर्ट
अपनी मां डोना के साथ तीन महीने का बड हैनोवर जू में पैदा हुआ. बड उत्तरी फर सील प्रजाति का है. ये जीव अपनी मां को आवाज से पहचान सकते हैं इसलिए बड और डोना दोनों भौंकने जैसी आवाज निकालते रहते हैं.
खा लो बेटा!
अपने बच्चे को फल का छिलका छील कर खिलाती मां. पिंटो म्युनिख के हेलाब्रुन एनीमल पार्क में पैदा हुआ. इनका प्रजाति ड्रिल कहलाती है और यह दुनिया के कुछ सबसे खतरे में पड़े प्राइमेट जीवों में से एक हैं.
ऊपर वाले ने दिया
ये है यशोदा हथिनी की पांचवी संतान. हैम्बर्ग के जू में पैदा हुई इस बेबी का नाम रखने के लिए शहर में सबसे प्रस्ताव मांगे गए थे. करीब 7,700 प्रशंसकों ने ऑनलाइन प्रक्रिया से उसका नाम चुना है - अंजुलि यानि ऊपर वाले का तोहफा.
किस मी, मॉम!
छोटी सी काया एक सी लायन है जो वुपरटाल के जू में पैदा हुई. बच्चे तैरना नहीं जानते , यह उन्हें सीखना पड़ता है. इस छोटे से जीव की मासूम हरकतें अभी से देखने वालों को रिझा रही हैं.
मुश्किलों से आया
फ्लावियो एक विशाल एंटइटर प्रजाति का जीव है, जो कि उम्मीद से तीन हफ्ते पहले ही पैदा हो गया था. दुनिया भर के जू में इस प्रजाति का प्रजनन करवाने के प्रयास हुए हैं लेकिन सफलता नहीं मिली. इसलिए भी फ्लावियो बहुत खास है.
मेरी प्यारी मां!
यह बेबी बोनोबो ज्यादातर वक्त अपनी मां कुटु के पेट से चिपटे हुए ही बिताता है. फ्रैंकफर्ट जू में रहने वाले बाकी के बोनोबो नियमित तौर पर इन्हें देखने आते रहते हैं. (इवेता ओनद्रुस्कावा/आरपी)