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जर्मन जमीन से ड्रोन हमले

३१ मई २०१३

अफगानिस्तान और अफ्रीका में अमेरिकी ड्रोन हमलों को जर्मनी से रूट किया जाता है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 2011 से अमेरिका जर्मन शहर रामश्टाइन में अपने सैन्य बेस से आगे के हमलों की योजना बना रहा है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन अखबार सुडडॉयचे साइटुंग ने टीवी चैनेल एआरडी के साथ मिलकर एक तहकीकात में इस बात का खुलासा किया. रामश्टाइन शहर में एक खास सैटेलाइट स्टेशन से अमेरिका में पायलट सीधे अफ्रीका में मानवरहित ड्रोन से संपर्क कर सकता है और निशाने उस पर निशाना लगा सकता है. अमेरिकी वायु सेना के एक खास दस्तावेज का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि मानवरहित विमानों के लिए बने इस खास स्टेशन के बिना अमेरिका ड्रोन हमले करने की हालत में ही नहीं रहता.

इस दस्तावेज में एक योजना के बारे में बताया गया है, जिसमें एक अस्थायी स्टेशन इस तरह के काम कर रहा था. इसकी जगह एक स्थायी स्टेशन बनाया गया और 2011 में रामश्टाइन से ड्रोन को सिग्नल देने का काम शुरू हुआ. अमेरिकी वायु सेना के इस बेस में लगभग 650 कर्मचारी अफ्रीका के ऊपर आसमान की जांच करते हैं. ये कर्मचारी ड्रोन हमलों का विश्लेषण करते हैं और नए हमलों की योजना बनाते हैं. अखबार का कहना है कि रामश्टाइन बेस की क्या भूमिका है, इसके बारे में पता नहीं चल पाया है. अमेरिकी सेना ने कहा है कि अफ्रीका में सारे सैन्य कार्रवाई के लिए जर्मन शहर श्टुटगार्ट में एक कमान है, जो अफ्रीका के लिए जिम्मेदार है. मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि रामश्टाइन बेस सोमालिया में कम से कम नौ ड्रोन हमलों के लिए जिम्मेदार है, जिनमें 29 लोग मारे गए.

US-Luftwaffenstützpunkt in Ramstein
रामश्टाइन बेसतस्वीर: picture-alliance/dpa

इस रिपोर्ट के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार से जवाब मांगने शुरू कर दिए हैं. ग्रीन पार्टी के नेता ओमिद नूरपुर ने चांसलर अंगेला मैर्केल से मामले की जांच की मांग की है. उनके मुताबिक यह जानना बहुत जरूरी है कि क्या जर्मन भूमि से ड्रोन हमले कराए जा रहे थे. अगर यह सच साबित हुआ तो सरकार को इस पर रोक लगानी होगी.

एमजी/एजेए (एएफपी, डीपीए)

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