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जर्मन महिला फुटबॉल टीम की कोच पर इस्तीफे का दबाव

१३ जुलाई २०११

जर्मनी की टीम के महिला फुटबॉल विश्व कप से बाहर हो जाने के बाद टीम की कोच जिल्विया नाईट पर इस्तीफा देने का दबाव बनना शुरू हो गया है. नाईट अब टीम के साथ बने रहने के बारे में पुनर्विचार कर रही हैं.

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Fussball, Fifa Frauen-Weltmeisterschaft Deutschland 2011, Pressekonferenz Deutsche Nationalmannschaft, Sonntag (10.07.11), Wolfsburg: Bundestrainerin Silvia Neid zieht auf einer Pressekonferenz eine Bilanz ueber das Ausscheiden der deutschen Nationalmannschaft der Frauen bei der Weltmeisterschaft im Viertelfinale gegen Japan. Deutschland unterlag Japan am Samstag (09.07.11) mit 0:1. +++ Der dapd Sportdienst ist ueber den dapd newsplaner nutzbar. Die kostenlose Freischaltung kann unter newsplaner.de beantragt werden +++ Foto: Thomas Lohnes/dapd
तस्वीर: dapd

मंगलवार को जर्मनी के अखबार 'बिल्ड' को दिए एक इंटरव्यू में नाईट ने कहा कि वह गेम से ब्रेक लेना चाहती हैं. नाईट ने कहा कि अभी वह इस बात का निर्णय नहीं ले पाई हैं कि क्या वह टीम के अगले बड़े टूर्नामेंट के लिए टीम का साथ देने के लिए तैयार हैं. शनिवार को हुए क्वार्टर फाइनल में जर्मनी को जापान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा. हार के बाद भी जर्मन फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष थिओ त्स्वानत्सिगर ने कहा कि उन्हें नाईट पर पूरा भरोसा है और वह टीम के लिए सबसे बेहतरीन कोच हैं. वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले 47 वर्षीय नाईट ने एसोसिएशन के साथ नया कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जो 2016 तक वैध है.

Germany's Birgit Prinz (C) sits on the bench while Germany's head coach Silvia Neid (R) reacts during the quarter-final soccer match of FIFA Women's World Cup between Germany and Japan at the Arena im Allerpark in Wolfsburg, Germany, 09 July 2011. Foto: Hannibal dpa/lni +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

जर्मन मीडिया इस सवाल का जवाब ढूंढने में लगा है कि टीम से चूक कहां हुई. अखबारों और टीवी चैनलों पर लगातार पूछा जा रहा है कि क्या टीम वर्ल्ड कप से पहले खेले गए मैचों के कारण थकी हुई थी या वर्ल्ड कप को लेकर उनकी तैयारी पूरी नहीं थी या फिर नाईट की रणनीति गलत थी? सबसे अधिक चर्चा नाईट के टीम की बेहतरीन स्ट्राइकर बिरगिट प्रिंत्स को बाहर बिठाने पर हो रही है. आलोचकों का कहना है कि यह केवल नाईट की भूल ही नहीं थी, बल्कि इस से पता चलता है कि नाईट को खिलाड़ियों की सही पहचान भी नहीं है. सोमवार को प्रिंत्स के पिता ने जर्मन रेडियो से कहा कि नाईट टीम का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है और "उनके लिए यही सही होगा कि वह इस्तीफा दे दें."

क्वार्टर फाइनल मैच के फौरन बाद नाईट बेहद आत्मविश्वास से भरी हुई दिखीं. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, "फिलहाल मुझे प्रेरणा की कोई कमी नहीं है, और ना ही मुझे लगता है कि टीम को है. जब तीन या चार हफ्ते बीत जाएंगे, तब खिलाड़ी एक बार फिर सब को दिखाना चाहेंगे कि वे बेहतरीन टीमों में से एक हैं." हालांकि अब उनका यह आत्मविश्वास डगमता हुआ सा दिख रहा है.

जिल्विया नाईट को 2010 की फीफा वर्ल्ड फीमेल कोच ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिल चुका है.

रिपोर्ट: आंद्रे लेस्ली/ ईशा भाटिया

संपादन: एन रंजन

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