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जर्मन सरकार के खिलाफ अदालत पहुंचे यजीदी अल्पसंख्यक

२९ मई २०१९

जर्मनी में रह रहे कुछ यजीदी अल्पसंख्यकों ने जर्मन सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है. इनका आरोप है कि सीरिया में इस्लामिक स्टेट के जर्मन लड़ाकों को सजा दिलाने के लिए सरकार पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है.

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Symbolbild: Jesiden auf der Flucht
तस्वीर: picture-alliance/AP/K. Mohammed

यजीदी वीमेन काउंसिल ने जर्मनी के न्याय और गृह मंत्रियों के खिलाफ कानूनी मामला दायर किया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पूरा मामला न्याय में बाधा डालने से जुड़ा हुआ है. काउंसिल का आरोप है कि सरकार इस्लामिक स्टेट के उन जर्मन समर्थकों के खिलाफ मुकदमा चलाने में विफल रही है, जो उत्तरी सीरिया में कुर्दिश सेना के नेतृत्व में पकड़े गए हैं.

कुर्दिश सेना की हिरासत में आईएस के विदेशी लड़ाकों के ऐसे तकरीबन 100 से ज्यादा परिवार हैं. हालांकि यह चुनौती सिर्फ जर्मनी ही नहीं बल्कि कई यूरोपीय देशों के सामने खड़ी हो गई है जिनके नागरिक आईएस का साथ दे रहे थे और अब पकड़े गए हैं.

जर्मन मीडिया एनडेआर और वेडेआर ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा था कि फिलहाल करीब 74 जर्मन आईएस समर्थक कुर्दिश सेना की हिरासत में हैं. मीडिया को दी अपनी प्रतिक्रिया में यजीदी वीमेन काउंसिल ने कहा कि जर्मन सरकार ने उन संदिग्धों को वापस लेने से जुड़े कुर्द प्रशासन से प्रस्तावों को अस्वीकार करके "न्याय में बाधा डालने का अपराध" किया है. अगर उन्हें वापस लिया जाता है तो जर्मनी में उन पर मुकदमा चलाया जा सकता. वीमेन काउंसिल ने अपनी शिकायत में मुख्य रूप से न्याय मंत्री कातरीना बार्ले और गृहमंत्री होर्स्ट सीहोफर को निशाना बनाया है.

जर्मन मीडिया को दिए बयान में गृह मंत्रायल ने साफ कहा है कि सभी जर्मन नागिरकों को वापस लौटने और मुकदमे का सामना करने का अधिकार है. लेकिन जर्मनी ने भी फ्रांस जैसे कई मुल्कों की तरह यह तय किया है कि विदेशी आईएस सदस्यों के खिलाफ मामला उन देशों को चलाने दिया जाए जहां उन्होंने अपराधों को अंजाम दिया. खासकर तब जब तक उनके पास काउंसुलर एक्सेस की अनुमति है और मौत की सजा नहीं दी जा रही है.

इराक में कई जर्मनों पर मुकदमे चलाए जा रहे हैं, लेकिन सीरिया में उनकी स्थिति काफी जटिल है. दरअसल जर्मनी का गैर-मान्यता प्राप्त सीरियाई कुर्द प्रशासन के साथ कोई आधिकारिक संबंध नहीं है. ऐसी स्थिति में कोई भी फैसला अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत अमान्य होगा.

साल 2014 में आईएस ने उत्तरी इराक में यजीदियों के एक गांव में हमला किया था. हमले में कई हजार लोग मारे गए. करीब सात हजार महिलाओं और लड़कियों का अपहरण कर उन्हें गुलाम बना लिया गया. कुछ जर्मनों पर भी इस नरसंहार में शामिल होने का आरोप है. कुर्द भाषा बोलने वाले यजीदी अल्पसंख्यकों की जड़ें सीरिया, इराक और तुर्की से जुड़ी हैं. आज अर्मेनिया, जॉर्जिया और रूस में सबसे ज्यादा यजीदी रहते हैं. जर्मनी में करीब 15 हजार यजीदी शरणार्थी रहते हैं.

नाटाली मूलर/एए

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