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जेपीसी बनाओ नहीं तो इस्तीफा दोः एनडीए

२२ दिसम्बर २०१०

बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा है कि या तो वह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाएं या इस्तीफा दे दें.

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बीजेपी का कहना था कि प्रधानमंत्री इस भ्रष्टाचार से पीछा छुड़ा कर भाग नहीं सकते. राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा, "प्रधानमंत्री को संयुक्त संसदीय समिति बनानी ही चाहिए और हमारे सवालों का जवाब देना चाहिए. या फिर नैतिक आधार उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए."

बीजेपी और उनके सहयोगी एनडीए ने प्रधानमंत्री पर वार करते हुए कहा कि लोक लेखा समिति के सामने पेश होने का उनका प्रस्ताव पर्याप्त नहीं है और सरकार को जेपीसी बनानी ही चाहिए ताकि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच हो सके. "ऐसा कभी नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ा हो कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है.वह जेपीसी तो नहीं बना सकते लेकिन पीएसी के सामने पेश हो सकते हैं."

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी ने कहा, "भारत के इतिहास में शायद ही ऐसा हुआ हो कि सुप्रीम कोर्ट ने कभी किसी मामले में प्रधानमंत्री से हलफनामा देने को कहा हो." भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम एक तरह से प्रधानमंत्री के खिलाफ भी है. वह जेपीसी के सामने आएं और कहें जो भी कहना हो.

लोकसभा में विपक्ष की अध्यक्ष सुषमा स्वराज ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, "सरकार जेपीसी की अनुमति नहीं दे रही है क्योंकि उसे डर है यह मुद्दा हमेशा चलता रहेगा."

प्रधानमंत्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सुषमा स्वराज ने कहा, "अगर आपकी नाक के नीचे भ्रष्टाचार हो रहा है और आप कुछ नहीं कर रहे हैं तो आप भी उसमें शामिल हैं. मैडम जेपीसी क्यों नहीं, प्रधानमंत्री जी जेपीसी क्यों नहीं."

बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गड़करी ने सरकार पर कॉमनवेल्थ खेलों में भ्रष्टाचार के मामले में प्रहार किया कि खेलों का बजट अगर 'बहुत ज्यादा' हो भी गया था तो उसके लिए अनुमति तो वित्त मंत्रालय ने, मंत्रियों के समूह, कैबिनेट और प्रधानमंत्री ने ही दी थी. "कांग्रेस के मंत्री भ्रष्टाचार में शामिल हैं इसलिए पार्टी को इसके खिलाफ कार्रवाई करने के बारे में कहने का कोई अधिकार नहीं है."

रिपोर्टः एजेंसियां आभा एम

संपादनः एन रंजन

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