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जोहानेसबर्ग में जीत से वापसी करना चाहेगा भारत

१५ जनवरी २०११

डरबन में सफलता की नींद से जगा देनी वाली हार के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत अपना दूसरा वनडे मैच खेलेगा. जोहानेसबर्ग में जीत के लिए जरूरी है कि भारत अपनी बल्लेबाजी में स्थायित्व के साथ साथ गेंदबाजों को भी पैना करे.

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तस्वीर: AP

टेस्ट सीरीज को 1-1 से ड्रॉ करा लेना भारत के लिए बड़ी सफलता माना गया और उसके बाद ट्वेंटी20 में मिली जीत से टीम का उत्साह दुगुना हो गया. लेकिन डरबन में 135 रन की हार ने मानो टीम के अरमानो पर पानी फेर दिया हो. वनडे सीरीज में बने रहने के लिए यह बेहद जरूरी है कि भारत इस मैच को जीते. डरबन में भारत के बल्लेबाज कुछ खास क्या साधारण भी कर पाने में नाकाम रहे जिसका नतीजा बड़ी हार के रूप में सामने आया.

वैसे भी हाल के समय में भारत किसी भी सीरीज के पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है. लेकिन धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया के खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका को पीछे धकेल कर श्रृंखला को 1-1 की बराबरी पर लाना चाहेंगे. जोहानेसबर्ग की पिच को गेंदबाजों के लिए मुफीद माना जा रहा है. वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर भारतीय टीम से बाहर हैं और अब प्रवीण कुमार भी चोट के चलते स्वदेश लौट रहे हैं.

Virender Sehwag
तस्वीर: AP

बल्लेबाजी भारत का मजबूत पक्ष

तेज गेंदबाज श्रीसंत अपनी कोहनी की चोट से उबर रहे हैं जिसके चलते उन्हें पहले मैच में बाहर बैठना पड़ा था. अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि दूसरे मैच में वह खेल पाते हैं या नहीं. बल्लेबाजी को भारत का मजबूत पक्ष माना जाता रहा है लेकिन पहले वनडे में टीम इंडिया ने सिर्फ 43 रन पर 4 विकेट खो दिए थे और उन झटकों से भारत फिर कभी नहीं उबर पाया.

वनडे टीम में करीब एक साल बाद लौट रहे मास्टर ब्लास्टर को बड़ी भूमिका निभानी होगी और दक्षिण अफ्रीका के बड़े लक्ष्य का पीछा करने या फिर उसके सामने बड़ी चुनौती रखने में तेंदुलकर का प्रदर्शन अहम रहेगा. सचिन के अलावा मुरली विजय, रोहित शर्मा, विराट कोहली और सुरेश रैना युवा खिलाड़ियों की लिस्ट में बड़े नाम हैं लेकिन मौके पर चलना ही मायने रखता है.

धोनी को है उम्मीद

Mahendra Singh Dhoni
तस्वीर: AP

पहले मैच में भारत के लिए सिर्फ विराट कोहली ही अर्धशतक बना पाए जबकि दक्षिण अफ्रीका की ओर से यह जिम्मेदारी तीन बल्लेबाजों ने निभाई. भारतीय पारी में बड़ी साझेदारियों का अभाव साफ तौर पर दिखा जिसका खामियाजा टीम को बाद में भुगतना पड़ा. युवराज सिंह के सामने यह साबित करने का बेहतरीन मौका है कि उनमें वही विध्वसंक क्षमता अब भी मौजूद है जिसके लिए उन्हें जाना जाता है.

हालांकि धोनी को उम्मीद है कि टीम इंडिया जोहानेसबर्ग वनडे जीत कर सीरीज में लौटने में कामयाब हो जाएगी. "हम और बेहतर कर सकते थे. जब आप चार गेंदबाजों के साथ खेल रहे हो तो आप पर दबाव होता है. अगर कोई एक गेंदबाज अच्छी गेंदबाजी न करे तो फिर पार्ट टाइम गेंदबाजों से ही काम चलाना पड़ता है. लेकिन हम अब भी वापसी कर सकते हैं. हमें बेहतर क्रिकेट खेलनी होगी." 19 फरवरी से शुरू हो रहे क्रिकेट वर्ल्ड कप से पहले भारत और दक्षिण अफ्रीका यह आखिरी वनडे सीरीज खेल रहे हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ईशा भाटिया

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