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ट्विटर बताए लोगों का मूड

१२ अक्टूबर २०११

ट्विटर पर लिखा जाना वाला संदेश वैज्ञानिकों को शोध में मदद कर रहा है. एक नए शोध में पता चला है कि दिन के अलग अलग वक्त लोगों का मूड अलग होता है और वह उसी के अनुसार ट्वीट करते हैं.

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सुनने में बड़ा ही अजीब लगे लेकिन वैज्ञानिक लोगों के ट्विटर को पढ़कर उनके मूड का आकलन कर रहे हैं. दिन की शुरूआत में ट्विटर इस्तेमाल करने वाले ज्यादा सकारात्मक होते हैं. लेकिन दिन के ढलने के साथ ही लोगों में सुस्ती और नकारात्मकता छाने लगती है. रात को सोने के पहले एक बार फिर ट्विटर इस्तेमाल करने वाले नए जोश में नजर आते हैं. वैज्ञानिकों ने लोगों के ट्वीट्स पढ़कर यह भी जाना कि वह हफ्ते के आखिर में ज्यादा खुश होते हैं.

कॉरनेल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर का अध्ययन किया और कई रोचक बातें इस शोध में सामने आई. शोधकर्ताओं ने 84 देशों में अंग्रेजी के 24 लाख यूजरों के 50 करोड़ ट्वीट का अध्ययन किया. ये सभी ट्वीट्स फरवरी 2008 से जनवरी 2010 के बीच भेजे गए हैं. वैज्ञानिकों ने एक खास कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जो सकारात्मक मनोदशा के संकेत वाले शब्द को खोज लेते हैं. जैसे खुशी, उत्साह और बेहतरीन. वैज्ञानिकों ने नकारात्मक मनोदशा को जानने के लिए ऐसे शब्दों को प्रोग्राम में फिट किया जो उदासी या फिर नकारात्मकता जाहिर करते हों, जैसे दुख, उत्सुकता और डर.

GMF Global Media Forum 2010 Workshop Teilnehmer Twitter
तस्वीर: DW

शोधकर्ताओं ने पाया कि सुबह-सुबह रवैया सकारात्मक होता है जो दोपहर के करीब ठंडा पड़ने लगता है. जबकि शाम में मूड में बदलाव होने लगता है. कॉरनेल यूनिवर्सिटी के माइकल मेसी और स्कॉट गोल्डर का यह शोध साइंस जर्नल में छपा है. शोध में दोनों ने पाया कि सप्ताह के अंत में लोग खुश रहते हैं. लेकिन सुबह के वक्त ग्राफ का ऊपर चढ़ना दो घंटे देर से शुरू होता है. इससे पता चलता है कि लोग सप्ताहांत पर देर से उठते हैं. शोध में पता चला कि अनजान शख्स से जुड़ी कोई बुरी खबर होती है तो ट्विटर इस्तेमाल करने वाले भी बुरा महसूस करते हैं.

शोधकर्ताओं ने हर एक शख्स के 400 ट्वीट्स का अध्ययन किया. जिन लोगों ने 25 से कम ट्वीट किए उन्हें इस शोध में शामिल नहीं किया गया. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर करीब 5 साल पुराना है और इसको इस्तेमाल करने वाले लोगों को 140 कैरेक्टर वाले संदेश लिखने की सुविधा है.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी

संपादन: महेश झा

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