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तस्करों से हारते विशाल हाथी

१९ अगस्त २०१४

जमीन पर पाए जाने वाले सबसे विशाल जीव अफ्रीकी बुश हाथी का कोई प्राकृतिक दुश्मन नहीं है. उसका दुश्मन सिर्फ लालची इंसान है. अंधाधुंध शिकार से लुप्त होने की राह पर पहुंच गए हैं अफ्रीकी हाथी.

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तस्वीर: KAREL PRINSLOO/AP/dapd

अफ्रीका में हाथियों के संहार को लेकर कई साल से चिंता जताई जा रही थी. अब पहली बार वैज्ञानिक आधार पर दुनिया के दूसरे बड़े महाद्वीप में हाथियों के शिकार पर शोध हुआ है. नतीजे हैरान करने वाले हैं. 2010 से 2012 के बीच अफ्रीका में एक लाख हाथी मारे गए. रिसर्चरों के मुताबिक एक दशक पहले तक शिकार के चलते 25 फीसदी हाथी मारे जाते थे, आज 65 फीसदी मारे जा रहे हैं.

शिकार अगर इसी पैमाने पर जारी रहा तो अफ्रीका की शान कहे जाने वाले हाथी लुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएंगे. अफ्रीका में हाथियों की दो प्रजातियां पाई जाती हैं. एक है अफ्रीकी बुश एलिफेंट और दूसरा अफ्रीकन फॉरेस्ट एलिफेंट. बुश हाथी जमीन के सबसे बड़े स्तनधारी हैं. भारत समेत एशिया में पाए जाने वाले हाथी कद काठी में अफ्रीकी हाथियों से छोटे होते हैं.

Afrika Wilddiebe Wilderer Elefant
अफ्रीकी में सैकड़ों शिकारी सक्रियतस्वीर: AP Photo/Courtesy Karl Amman

अफ्रीका आगे

हाथी दांत के लिए नर हाथियों का सबसे ज्यादा शिकार मध्य और पूर्वी अफ्रीका में हो रहा है. तस्कर तंजानिया और केन्या में ज्यादा सक्रिय हैं. तंजानिया के सेलस गेम रिजर्व में तीन साल पहले 40,000 से ज्यादा हाथी थे, अब यह करीब 13,000 रह गए हैं. बोत्स्वाना ऐसा अकेला देश है जहां हाथियों की संख्या या तो बढ़ रही है या स्थिर है.

शोध पत्र के प्रमुख लेखक जॉर्ज के मुताबिक चीन में बढ़ते मध्य वर्ग की वजह से हाथी दांत की मांग खूब बढ़ी है. चीन में इससे आभूषण और सजावट की चीजें बनाई जाती हैं. तस्कर और काला बाजारी करने वाले इसी मांग का फायदा उठा रहे हैं. हाथियों के शिकार के मामले भारत में भी आगे है, लेकिन बीते दो दशकों में वहां संरक्षण की कोशिश रंग लाती दिख रही है. सेव एलिफेंट्स नामक संस्था के संस्थापक लैन डगलस-हैमिल्टन कहते हैं, "हाथी दांत की मौजूदा मांग को पूरा करना बहुत जोखिम भरा है. यह बहुत ही ज्यादा है. अगर मांग कम नहीं हुई तो हाथियों के शिकार में कमी नहीं आएगी."

Symbolbild Wilderei in Simbabwe
आए दिन पकड़ती जाती बड़ी खेपेंतस्वीर: Desmond Kwande/AFP/Getty Images

चीन की कोशिशें

अवैध शिकार की वजह से बिगड़ती छवि का अंदाजा चीन को भी है. चीनी दूतावास ने अवैध शिकार रोकने के लिए केन्या के चार अभ्यारणों में खास उपकरण दिए हैं. चीन के राजदूत लिउ शिआनफा के मुताबिक उनका देश अवैध शिकार और हाथी दांत की तस्करी के प्रति लोगों को जागरूक भी कर रहा है. चीन सरकार ने इसी साल जनवरी में हाथी दांत की 6.15 टन खेप को रोड रोलर से चूर चूर कर दिया. केन्या और तंजानिया में भी वन्य जीव संरक्षण से जुड़े अधिकारी ऐसा ही कर रहे हैं.

सेव एलिफेंट्स को उम्मीद है कि अभी से कारगर कोशिशें की गईं तो अफ्रीकी हाथियों को वक्त रहते बचाया जा सकेगा. 1960 और 1970 के दशक में जापान में हाथी दांत की मांग की वजह से भारत और अफ्रीका की हाथियों की शामत आ गई थी. लैन डगलस-हैमिल्टन के मुताबिक हाथी और संरक्षण की कोशिशें उस मुश्किल को झेल गईं थी, लेकिन अगर चीनी बाजार में मांग कम नहीं हुई, अफ्रीकी हाथी इस संहार को नहीं झेल पाएंगे.

ओएसजे/एमजे (एपी)