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दक्षिण एशिया में शांति का चीन का फॉर्मूला

२० नवम्बर २००९

चीन ने कहा है कि दक्षिण एशिया में शांति के लिए वह केवल उन्हीं उपायों का समर्थन करेगा जो प्रासंगिक होंगे. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई रोल निभाने की चीन की मंशा नहीं है.

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चीन के प्रधानमंत्री वेन जियापाओतस्वीर: AP

अमेरिका के बाद अब चीन भारत पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता को लेकर अपनी सफ़ाई सामने रख रहा है.चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चिन गांग ने कहा कि जहां तक क्षेत्र में स्थिरता और शांति की बात है, चीन इस दिशा में प्रासंगिक कदमों का समर्थन करता है. गांग ने कहा,' हम भारत और पाक़िस्तान को दक्षिण एशिया के अहम देश मानते हैं. चीन दोनों देशों के साथ दोस्ती और साझेदारी की क़ीमत जानता है और आशा करता है कि दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर हों.'

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भारत पाक के बीच बेहतर संबंध चाहता है चीनतस्वीर: AP

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों ने दक्षिण एशिया में साझेदारी बढ़ाने की बात की थी. चीन के विदेश मंत्री हे याफेई का कहना था कि दो घंटे की बातचीत के दौरान दोनों देशों के प्रमुखों ने अमेरिका औऱ चीन के बीच व्यापार, जलवायु परिवर्तन और परमाणु निशस्त्रीकरण पर बात की. इसी के बाद दिए गए साझे बयान से भारत को आपत्ति हुई थी. जिसमें पाकिस्तान और भारत के रिश्तों की चर्चा की गई थी.

भारत की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद अमेरिका ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा था कि अमेरिका चीन के साथ अच्छे संबंध चाहता है लेकिन वह ऐसा भारत के साथ अपने संबंधों की क़ीमत पर नहीं करेगा.

बहरहाल अब चीन ने भी भारत की नाराज़गी के जवाब में अपनी तरफ़ से बात साफ़ करने की कोशिश की है. लेकिन जानकारों के मुताबिक चीन के इस बयान में अस्पष्टता इस बात का सबूत है कि वह भारत पाक रिश्तों में शायद खुलकर आगे न आए लेकिन उसने अपनी तरफ से अपने लिए एक भूमिका तय कर ली है.

रिपोर्टःएजेंसियां/एम गोपालकृष्णन

संपादनःएस जोशी