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दिल्ली में दर्ज हुआ सीजन का सबसे खराब एक्यूआई

१३ अक्टूबर २०२०

केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार सुबह 304 अंकों के साथ 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया.

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Indien Smog
तस्वीर: IANS

वायुगुणवत्ता के लिहाज से मंगलवार का दिन सीजन का सबसे खराब दिन रहा. दिल्ली-एनसीआर में हर सर्दियों में वायु प्रदूषण चरम तक पहुंच जाता है, जिससे यहां के निवासियों के लिए स्वास्थ्य के लिहाज से खतरा पैदा होता है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार 36 प्रदूषण निगरानी स्टेशनों में से 19 स्टेशनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, वहीं 14 स्टेशनों ने सूचकांक को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया, जबकि एक ने इसे 'मध्यम' श्रेणी रिकॉर्ड किया है.

उत्तर पश्चिम दिल्ली के वजीरपुर के पास के क्षेत्र में सर्वाधिक एक्यूआई 379 दर्ज किया गया, इसके बाद द्वारका सेक्टर 8 और मुंडका में एक्यूआई 364 रहा. वहीं लोधी रोड पर एक्यूआई 193 रहा, जो कि राजधानी का सबसे स्वच्छ क्षेत्र रहा.

दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों, गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई. वर्तमान में ग्रेटर नोएडा की हवा इन सभी में सबसे अधिक प्रदूषित है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, प्रदूषकों में वृद्धि, हवा की कम गति का यह परिणाम है. इसके अलावा पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा में पराली की वजह से प्रदूषण और बढ़ रहा है. नासा की सैटेलाइट तस्वीरों में पंजाब के अमृतसर और फिरोजपुर तथा हरियाणा के पटियाला, अम्बाला और कैथल के ऊपर खूब धुआं देखा गया.

मनीष शिशोदिया ने इस बीच केंद्र पर वार करते हुए कहा है कि पराली जलाने की समस्या केवल दिल्ली की नहीं है, बल्कि पूरे उत्तर भारत की है, "दुर्भाग्यवश केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए कुछ नहीं किया. वह पूरा साल हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. पूरा उत्तर भारत इसे भुगत रहा है."

हवा की गुणवत्ता को 0 से 500 के स्केल पर नापा जाता है. 0 से 50 के बीच एयर क्वॉलिटी को अच्छा माना जाता है, जबकि 300 से ऊपर यह बेहद खतरनाक होती है. दिल्ली में हर साल एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया जाता है जिस कारण वहां रहने वाले लोगों में तरह तरह की बीमारियां पनप रही हैं. साफ हवा में सांस लेने के लिए दिल्ली में ऑक्सीजन पार्लर तक का चलन चल चुका है.

आईएएनएस/आईबी

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