1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नई ग्रीस सरकार को विश्वासमत हासिल

९ जुलाई २०१२

ग्रीस की नई गठबंधन सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया है. तीन दिन की संसदीय बहस के बाद सांसदों ने प्रधानमंत्री अंटोनिस समारास की देश को यूरोक्षेत्र में रखने वाली नीतियों का समर्थन किया.

https://p.dw.com/p/15Tr5
ग्रीस संसदः कड़े फैसलेतस्वीर: Reuters

समारास की प्रमुखता में रूढ़िवादी गठबंधन के 179 सांसदों ने सरकार के पक्ष में मत दिए. ग्रीक संसद में कुल 300 सदस्य हैं. सत्ताधारी गठबंधन में अंटोनिस समारास की न्यू डेमोक्रेसी पार्टी, समाजवादी पार्टी पासोक और वामपंथी डेमोक्रेटिक लेफ्ट साथ आए हैं. विश्वासमत से पहले समारास ने सांसदों से कहा, "आपने देखा है कि तीन पार्टी की गठबंधन वाली सरकार देश को सुधारने और उसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कैसे फैसले ले रही है. ग्रीक जनता के मुताबिक हमें यूरोक्षेत्र में रहना है."

समारास के मंत्रिमंडल को अब सबसे पहले ग्रीक अर्थव्यवस्था में सुधार लाने होंगे और साथ ही यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का विश्वास बनाए रखना होगा. सरकार ने कहा है कि उसका पहला मकसद है निजीकरण और सुधारों की नीतियों को लागू करना और यूरोपीय संघ और आईएमएफ से ली गई दूसरी राहत पैकेज यानी 130 अरब यूरो के कर्जे को चुकाने के लिए और समय मांगना.

नए वित्त मंत्री यानिस स्टूरनारास ने इस बीच कहा है कि यूरोपीय संघ और आईएमएफ से और वक्त मांगना आसान नहीं होगा क्योंकि दोनों संगठनों के अधिकारियों ने कहा है कि इस सिलसिले में किसी भी तरह की छूट मिलना मुश्किल है. "हम 2014 के बाद और वक्त मांगेंगे लेकिन परेशानी यह है कि इसमें और पैसों और यूरोप में एकमतता की जरूरत होगी. अब तक ग्रीस को सबसे ज्यादा मदद मिली है." रविवार को स्टूरनारास ने यूरोपीय संघ और आईएमएफ के ऑडिटरों की टीम से मुलाकात की. यह टीम ग्रीस की वित्तीय स्थिति की जांच कर रही हैं. इस हफ्ते के अंत तक उनकी जांच के नतीजों से ग्रीस को उधार देने के बारे में सोचा जा सकेगा.

सोमवार को प्रधानमंत्री स्टूरनारास ब्रसेल्स में यूरो देशों के वित्त मंत्रियों से मिलेंगे और अपनी सरकार की नीतियों के बारे में बताएंगे. यूरोपीय संघ के एक अधिकारी का कहना है कि अगर ग्रीस जल्द से जल्द आर्थिक सुधारों को लागू नहीं करता है तो उसे राहत पैकेज की दूसरी किश्त यानी 31.5 अरब यूरो नहीं मिलेगी. यह रकम ग्रीस को 20 अगस्त को दी जानी है.

वहीं, समारास का कहना है कि उनकी सरकार ग्रीस में सुधार नीतियों को लागू तो करेगी ही लेकिन परेशानी इन्हें लागू करना नहीं है और इसके अंतिम मकसद तक पहुंचना भी मुश्किल नहीं. समारास का कहना है कि असल परेशानी देश में मंदी से जूझना है. ग्रीस सरकार अब बिजली, पानी और डाक जैसी सेवाओं का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है. साथ ही एयरपोर्ट, रेलवे और कुछ अस्पतालों को भी निजी कंपनियां संभालने लगेंगी.

ग्रीस में प्रधानमंत्री के आलोचकों, खास कर विपक्ष के नेता अलेक्सिस सिप्रास कहते हैं कि सरकार एक "प्रॉपर्टी डीलर की तरह" सरकारी संस्थाओं को बेच रही है. सिप्रास का कहना है कि सरकार को सार्वजनिक संपत्ति "लूटने" की जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने कहा है कि समारास जर्मनी का साथ दे रहे हैं और जर्मनी खुद इस वक्त यूरोप के खिलाफ है.

इस बीच सोमवार को यूरोजोन के वित्त मंत्री यूरो को बचाने के लिए नई योजनाओं के बारे में विचार करेंगे. माना जा रहा है कि बैंकों पर निगरानी रखने, यूरोजोन बचत पैकेजों को लागू करने और स्पेन और साइप्रस को मदद पर बातचीत होगी. लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि इन सब मुद्दों के अलावा केवल ग्रीस के मामले पर योजना बनाने में कई महीने लग सकते हैं.

एमजी/एमजे(एएफपी,रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी