1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नए साल के जश्न पर चाबुक

३१ दिसम्बर २०१३

इंडोनेशिया में उलेमाओं ने एक फतवा जारी कर नए साल के जश्न को 'हराम' करार दिया है. फतवे को प्रशासन के समर्थन के बाद कई दुकानों पर छापे मार कर आतिशबाजी की सामग्री जब्त कर ली गई.

https://p.dw.com/p/1Ajnj
क्रिसमस पर 'मेरी क्रिसमस' कहना हरामतस्वीर: picture-alliance/dpa

यह पहला मौका है, बंडा आचेह शहर के प्रशासन ने नए साल के जश्न पर पाबंदी लगाई है. सोमवार की रात जगह जगह मारे गए. छापों में पटाखे, ताश के पत्ते और जश्न की दूसरी संभावित सामग्री को शरीया पुलिस ने जब्त कर लिया.

मुस्लिम धार्मिक नेताओं की सभा ने बंडा आचेह में निकाले गए फतवे में कहा कि नए साल का जश्न मनाना या किसी को 'मेरी क्रिसमस' कह कर बधाई देना हराम है. शहर प्रशासन ने भी धार्मिक नेताओं के इस फैसले का साथ दिया और शहर में नए साल के संदर्भ में किसी भी आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया.

Secrets of Transformation: BG Indonesien Bild 7
मुसलमानों को इस्लामी कैलेंडर से नया साल मनाने की सलाहतस्वीर: DW/Essen

बांदा अचेह के शरीया पुलिस अधिकारी रजा कामिलीन ने बताया, "नए साल से पहले इस तरह के आदेश इस लिए दिए गए हैं ताकि लोग सरकार और उलेमा के फैसले का पालन करें." उन्होंने कहा चाहे जो भी लेकिन साल बदलने का जश्न नहीं मनाया जाना चाहिए. शहर में लगी पाबंदी में किसी तरह का कानूनी दखल नहीं है, यह शरीया पुलिस का लागू किया हुआ प्रतिबंध है ताकि धार्मिक मूल्यों की रक्षा की जा सके. यह शहर आचेह प्रांत की राजधानी राजधानी है. यह इंडोनेशिया का इकलौता इलाका है जहां इस्लामी कानून का प्रभुत्व है. इस्लामी कानून और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के नाम पर यहां आए दिन छापे आम बात है. यह पहली बार है जब इंडोनेशिया के किसी भी प्रांत में प्रशासन ने नए साल के जश्न पर प्रतिबंध लगाया है.

कामिलीन ने बताया कि शरीया पुलिस कई रेस्त्रां, होटलों और कैफे में भी छापे मारेगी ताकि आदेशों का उल्लंघन न हो. उन्होंने कहा, "अगर हमें कहीं भीड़ भाड़ दिखाई देगी तो उसे फौरन बिखरा दिया जाएगा और आतिशबाजी का सामान जब्त कर लिया जाएगा."

Religöse Intoleranz in Indonesien
इंडोनेशिया में बढ़ रही है धार्मिक सहिष्णुतातस्वीर: DW

धार्मिक नेताओं का मानना है कि मुसलमानों को सिर्फ इस्लामी कैलेंडर के अनुसार ही नया साल मनाना चाहिए. 2001 में विशेषाधिकार मिलने के बाद से बंडा आचेह में शरीया कानून लागू होने लगा.

एसएफ/एजेए (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी