1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

नीरा राडिया पर लिखी किताब पर रोक

२५ मई २०११

"राडिया टेप्स" पर लिखी किताब 'क्लोज एनकाउंटर विद नीरा राडिया' के विमोचन पर रोक लग गई है. राडिया ने कोर्ट इस किताब पर रोक लगाने की मांग की थी. उनके मुताबिक किताब से उनकी छवि खराब होती.

https://p.dw.com/p/11Nps
Corporate lobbyist Nira Radia sits at the Enforcement Directorate after being questioned in the scandal involving the 2G spectrum allocation case, in New Delhi, India, Wednesday, Nov. 24, 2010. The Central Bureau of Investigation is investigating the allegations concerning the 2008 sale of second-generation, or 2G, cellular licenses in a bewildering process with ever-changing rules that raised eyebrows even at the time. The sale netted India 124 billion rupees ($2.7 billion), an amount that seemed absurdly low after an auction of 3G licenses this May raised 677 billion rupees ($14.6 billion). (AP Photo) INDIA OUT
तस्वीर: AP

दिल्ली हाई कोर्ट ने कॉरपोरेट वर्ल्ड के लिए लॉबिंग करने वाली नीरा राडिया को राहत देते हुए उनके विवादास्पद टेपों पर वकील आर के आनंद की किताब पर बुधवार को रोक लगा दी. कोर्ट ने किताब के रिलीज और वितरण पर रोक लगाई है.

टेपों में राडिया की कई बड़ी हस्तियों से टेलीफोन पर हुई बातचीत रिकॉर्ड है. जस्टिस वी के जैन ने वैष्णवी कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस की डायरेक्टर राडिया को यह कानूनी राहत उनके आग्रह पर दी. राडिया ने अदालत से यह कहकर किताब के विमोचन और वितरण पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया था कि इससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा को काफी क्षति पहुंचेगी.

राडिया जाने-माने उद्योगपतियों, नेताओं, कॉरपोरेट घरानों के प्रमुखों और पत्रकारों के साथ अपनी बातचीत के टेप जारी होने के बाद से सुर्खियों में हैं. आनंद द्वारा लिखी गई किताब क्लोज एनकाउंटर विद नीरा राडिया का जून के पहले सप्ताह में विमोचन होना था. कानूनी फर्म खुराना एंड कंपनी के माध्यम से दायर इस मुकदमे में कहा गया है कि यह किताब राडिया की छवि को खराब करने के लिए है.

कोर्ट ने हरआनंद पब्लिकेशंस प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की है. राडिया ने इसके पहले कोर्ट में अर्जी देते हुए मोनिका: पॉलिटिक्स ऑफ मर्डर फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की भी मांग की थी. राडिया की याचिका पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने फिल्म के निर्माता और लखनऊ के कांग्रेस नेता कुश भार्गव को नोटिस भी जारी किया था.

याचिका में उन्होंने कहा था कि फिल्म में उनकी निजी जिंदगी को स्कैंडल के तौर पर दर्शाया गया है.

रिपोर्टः पीटीआई/आमिर अंसारी

संपादनः उभ

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी