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नेहरू पर थरूर का बयान, कांग्रेस भड़की

१० जनवरी २०१०

भारत के विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर अपने बयान की वजह फिर मुश्किल में हैं. शनिवार को थरूर ने विदेश नीति को लेकर जवाहरलाल नेहरू की नीतियों की आलोचना कर दी. थरूर ने कहा कि उस दौर की विदेश नीति सिर्फ़ नैतिकता का नमूना थी.

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तस्वीर: UNI

कभी इकोनमी क्लास को कैटल क्लास और फिर सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर विदेश नीति की चर्चा करने के लिए मशहूर भारत सरकार के मंत्री और कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इस बार दो कदम आगे बढ़ गए. ब्रिटिश लेबर पार्टी के सांसद भीखू पारेख के साथ विदेश नीति पर विचार ज़ाहिर करते हुए उन्होंने भारत के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की नीतियों की आलोचना कर दी.

थरूर ने कहा, ''नेहरू और गांधी की विदेश नीति को लेकर मैं पारेख की राय से सहमत हूं. वह एक किस्म से नैतिकता की रनिंग कमेंट्री थी.'' थरूर की राय में नेहरू की विदेश नीति ठीक नहीं थी.

थरूर के अलावा शनिवार को इंडियन काउंसिल ऑफ़ वर्ल्ड अफ़ेयर्स के इस कार्यक्रम में भीखू पारेख ने भी नेहरू की विदेश नीति की आलोचना की. उन्होंने कहा, ''नेहरू की विदेश नीति ऐसी थी कि जैसे भारत पूरे एशिया का प्रतिनिधित्व करता हो. पूरे महाद्वीप को घर की तरह मानते हुए उन्होंने अंदरूनी विवादों पर ध्यान नहीं दिया. पारेख ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर निशाना साधा और कहा कि सामरिक नज़रिए से भी वह कमज़ोर थीं.

इन बयानों के बाद पारेख को तो कुछ नहीं होना है लेकिन मुश्किलें भारतीय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की बढ़ेंगी. कांग्रेस ने थरूर के बयानों पर आश्चर्य और आपत्ति ज़ाहिर की है. कांग्रेस के प्रवक्ता शक़ील अहमद ने कहा, ''कांग्रेस की विदेश नीति जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी ने आज़ादी से पहले ही तय कर दी थी. उनकी आलोचना सरकार में बैठा कोई व्यक्ति नहीं कर सकता. ख़ासतौर पर वह जो अब उस काम को आगे बढ़ा रहा हो.''

शक़ील अहमद ने यह भी कहा कि थरूर के बयानों लेकर अब प्रधानमंत्री कुछ विचार करेंगे.

शशि थरूर पहली बार राजनीति में आए हैं और मंत्री बने हुए उन्हें अभी एक साल भी नहीं हुआ है लेकिन वह लगातार जिस तरह के बयान दे रहे हैं उससे कांग्रेस को अपच हो रही है. बीते साल जब कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने नेताओं को इकोनमी क्लास से यात्रा करने की नसीहत दी. तब भी थरूर कह बैठे थे कि इकोनमी क्लास तो भेड़ बकरियों के लिए होती है. इसके बाद हाल ही में ट्विटर पर विदेश नीति की चर्चा करने पर उन्हें विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भी कड़ी झिड़की पिलाई.

लेकिन अब थरूर ने लगातार तीसरी बार अपनी बेबाक बयानी का परिचय दिया है. माना जा रहा है कि पार्टी उनकी तीसरी ग़लती माफ़ करने के मूड में नहीं है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस जोशी